गुरु जी के बताए मार्ग पर चल कर जीवन को बनाएं सफल: स्वामी गुरदीप गिरी

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। शिरोमणि सत श्री गुरु रविदास महाराज जी का 645 वां प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य पर जिला राजौरी के अंतर्गत फलयाना गुरुद्वारा स्थल पर कार्यक्रम धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया। जिसमें पठानकोट से विशेष रूप से पधारे महान संत ने सैकड़ों की संख्या में आई संगत को अपने प्रवचनों से निहाल किया। स्वामी जी ने आई संगत को गुरु मार्ग से जुड़ धर्म को मजबूत करने का आह्वान भी किया और कहा कि नेक रास्ते पर चलकर ही परमात्मा से जुड़ा जा सकता है। एक बांस ही है जो चंदन के पेड़ के पास रह कर भी चंदन नहीं बन पाता क्योंकि वो अंदर से खोखला और उसमें गांठें होती हैं। सत्संग में बैठ मन को साफ करना है और गांठों को खोलना है।

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सत्संग में बैठने से अंदर का मन साफ होता है नाकि तीर्थ करने से। लोग पाप को धोने के लिए तीर्थो पर जाते हैं, दुनिया मे ऐसा कोई पानी नहीं है जो मन की गंदगी नको धो सके , दूसरों की निंदा न करें और आपसी बेर विरोध से हट भाईचारे का संदेश देने के साथ कहा कि नशे से दूरी रखें। मंगलवार को राजौरी के फलयाना गुरुद्वारा में आयोजित विशेष कार्यक्रम में महान संत श्री गुरु रविदास जी को याद किया गया। शब्दकीर्तन व गुरु वाणी का गुणगान हुआ। इस मौके पर विशेष रूप से स्वामी गुरदीप गिरी जी महाराज पठानकोट वालों का जोरदार स्वागत किया गया। वहीं प्रशासन द्वारा सुविधा के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए थे। स्वामी गुरदीप जी ने गुरु के द्वारा बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। जम्मू, श्रीनगर के सहित विभिन्न जिलों के हजारों की संख्या में पहुंची संगत ने आशीर्वाद लिया। विशाल लंगर का भी आयोजन किया गया। महाराज जी ने संगत को अमृतवाणी से निहाल किया। स्वामी गुरदीप गिरी जी महाराज ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करना है। परमात्मा से जुड़ें। सत्संग में बैठ मन को अंदर से साफ करें। तीर्थ यात्रा करने से मन साफ नहीं होता। एक बांस बृक्ष ही है जो चंदन के पेड़ के पास रह कर भी चंदन नहीं बन पाता क्योंकि वो अंदर से खोखला और उसमें गांठें होती हैं। सत्संग में बैठ मन को साफ करना है और गांठों को खोलना होता है। बच्चों को शिक्षा का उच्च ज्ञान दिलाएं। आपजी सतसंग में बैठे गुरुवाणी से जुड़ आम लकड़ी से चंदन बन सकते हैं। गलत मार्ग पर चलने बाला व्यक्ति भी जानवर कहलाता है और जो गुरु मार्ग से जुड़ता है वह इंसान और देवता कहलाता है।

गुरु रविदास महाराज जी ने हम सबको जीने की राह दिखाई है। स्वामी जी ने कहा कि मानव जीवन को तमाम धार्मिक ग्रंथों में सबसे उत्तम कहा गया है। यह जीवन परमात्मा की प्राप्ति के लिए मिला हुआ है और परमात्मा से मिलने का जरिया सतगुरु होता है। उन्होंने कहा कि युगों-युगों से संत-महात्माओं ने सतगुरु से ज्ञान प्राप्त करके ही जीवन के उद्देश्य को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इंसान अपना सारा समय माया में रहकर व्यतीत कर देता है, लेकिन गुरु के ज्ञान को नहीं समझ पाता। लोग पाप को धोने के लिए तीर्थो पर जाते हैं,दुनिया मे ऐसा कोई पानी नहीं है जो मन की गंदगी अंदर से धो सके। अंत में स्वामी जी ने सतगुरु रविदास जी महाराज के बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर संगत ने माथा टेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री गुरु रविदास वेलफेयर युवा संगठन, सेवानिवृत्त अधिकारी व जिला प्रधान केवल कृष्ण अन्य मौजूदा रहे।

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