होशियारपुर,(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट- गुरजीत सोनू : सुप्रसिद्ध सूफी शायर कव्वाली कलाम के लेखक आर.पी. दीवाना बीते दिनों दिल की बीमारी कारण इस फानी संसार से रुख्सत हो गए। अपने जीवन के 9 दहाके पूरे करते 91 वर्ष की जिंदगी में उन्होंने सैकड़ो सूफी कलाम, कव्वालिया, भेंटे, गजले, गीत लिखे। जिनको वडाली ब्रदर्स के अलावा लखविंदर वडाली, फिरोज खान, रणजीत राणा, बूटा मुहम्मद, साबर कोटी, सुदेश कुमारी, सलीम, लक्खा नाज, ज्योति नूरा सिस्टरज, कुलविंदर किंदा, ताज नगीना, दलविंदर दियालपुरी, सुरिंदर लाडी, कुलदीप चुंबर, गुरलेज अख्तर सहित कई प्रसिद्ध गायकों ने गाया। नुसरत फतेह अली कान साहिब ने भी उनके कलाम गाए।
तू माने जा ना माने दिलदारा असां ते तैनू रब मन्नेयां, वडाली ब्रदर्स का विश्व प्रसिद्ध कलाम है। यार बह गिया नैणां दे विच आ के खुदा दी गल की करिए, लखविंदर वडाली का कलाम भी हिट रहा। शौकत अली मतोई दा गाया सोहणी दा घड़ा भी बेहद प्रचलित रहा। जिसको दीवाना जी ने कलमबद्ध किया था। सैकड़ो कलामों के रचनहारे हमारे उस्ताद श्री आर.पी. दीवाना हमारे बीच नहीं रहे। उनका अंतिम संस्कार गांव ब_िया ब्राह्मणा जिला होशियारपुर में किया गय।
जिसमें गायक फिरोज खान, रणजीत राणा, गुरमीत गैरी, कुलदीप चुंबर, कुलविंदर किंदा, दविंदर दिल, हैप्पी ढक्कोवाल,मंगी सुलतान, हरजीत मठारू, सत्ता कवाल, जरनैल सोनी, सुखजीत झांस ,सुख शेरगिल, रोजी धुत्ता वाला, जोरा ढक्कोवाल, रजिंदर जे.ई. सिंह, सरपंच जोगिंदर सिंह, एकर दीनेश, कुलवंत सिंह, तरसेम दीवाना, सुरिंदर बंगा, सुखचैन, गुरशेर गिल, सरदारा सिंह मठारू, गुरमीत सिंह, हरप्रीत दर्दी, बाबा सोढी शाह चोलीपुर, बाबा जगजीवन राम, डा. कुलवंत सिंह तनूली, कुलदीप मिंटू, सीटू बाई, अवतार टांक सहित कई अन्य गायकों व कलाप्रेमियों, साहित्कारों इलाके के गणमान्यों ने उनके अंतिम संस्कार में हाजिर भरी।
उनकी धर्म पत्नि माता जीत कौर और लडक़े हरबंस लाल और शाम लाल पीछे पूरा परिवार सदमे में है। आर.पी.दीवाना जी के पाठ के भोग 17 सितंबर को उनके जद्दी गांव ब_िया ब्राह्मणा में पड़ेगा। इस उपरांत श्रद्धांजलि समागम होगा।