राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 1772 केसों का मौके पर निपटारा

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब स्टेट कानूनी सेवाएं अथारिटी के निर्देशों पर जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से आज वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है।  इस लोक अदालत में लोक अदालत में सिविल मामले, रेंट मामले, एम.ए.सी.टी, 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, फैमिली मैटर, लेबर मैटर्स, बैंक मामले, बिजली व पानी के बिल, ट्रैफिक चालान, कचहरी में पेंडिंग व प्री-लिटिगेटिव व अन्य मामलों का निपटारा करवाने संबंधी केस रखे गए। जानकारी देते हुए सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी श्रीमती अपराजिता जोशी ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अमरजोत भट्टी के नेतृत्व में जिले में लगाई गई लोक अदालत में कुल 22 बैंच बनाए गए। जिनमें से होशियारपुर में 11 बैंच, सब-डिविजन दसूहा में 5 बैंच, मुकेरियां में 3 व गढ़शंकर में 3 बैंचों का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालतों में 3552 केसों की सुनवाई हुई व 1772 केसों का मौके पर निपटारा किया गया और कुल 17,50,17,882 रुपए के अवार्ड पास किए गए।

Advertisements

लोक अदालत के लिए जिले में 22 बैंचों का किया गया गठन, वर्षों से लंबित मामलों का मौके पर ही किया गया निपटारा

राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट गोपाल अरोड़ा के नेतृत्व में गठित बैंच में एक केस बबिता कुमारी बनाम सलिंदर पाल सिंह, जिसमें उसकी पत्नी ने अपने पति से खर्चा लेने के लिए धारा 125 सी.आर.पी.सी का केस लगाया था। पत्नी अपने पति के ज्यादा शराब पीने से दुखी थी व राष्ट्रीय लोक अदालत में गठित किए गए बैंच की कोशिशों से उसके पति को शराब पीने के नुकसान के बारे में समझाया गया, इससे परिवार उजड़ जाते हैं। इस तरह पति की ओर से शराब छोडऩे की कोर्ट में स्टेटमेंट दी गई कि वह आज से शराब नहीं पीएगा व अपनी पत्नी व बच्चों की पूरी देखभाल करेगा, इसी तरह गठित बैंचों की कोशिशों से एक पति -पत्नी व बच्चों का पुर्नवास हुआ। सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट मुकेरियां श्री अमरदीप सिंह बैंस के नेतृत्व में गठित बैंच की ओर से कानूनी प्रतिनिधि के माध्यम से गुरबचन सिंह(मृृतक) नाम से एक केस में उसके बेटे गुरप्रीत सिंह बनाम रजिंदर कुमार ने धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के अंतर्गत केस में प्री-लोक अदालत में केस की सुनवाई की गई थी। राष्ट्रीय लोक अदालत के गठित बैंच के नेतृत्व में व कोशिशों से दोनों पक्षों के बीच समझौता किया गया, जिसके अनुसार कानूनी प्रतिनिधि गुरप्रीत सिंह ने रुपए लेने के लिए सहमति दी व दो लाख रुपए की चैक राशी का पूरा और अंतिम भुगतान किया गया। ढाई लाख रुपए का उपरोक्त शिकायतकर्ता की ओर से 1 मई 2014 को शिकायत का मामला दर्ज किया गया था। इस अदालत के दखल व प्रयासों से दोनों पक्षों ने समझौता करने संबंधी अपने बयान दर्ज करवाए। शिकायतकर्ता के वारिसों ने शिकायत वापिस लेने संबंधी अपने बयान दर्ज कर दिए हैं, इस तरह आठ वर्ष पुराने इस केस का राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटारा किया गया।
इसी तरह लोक अदालत के दौरान यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड डिविजनल आफिस होशियारपुर ने यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी के चार केसों का निपटारा करवाया व मोटर एक्सीडैंट क्लेम ट्रिब्यूनल का अवार्ड पास किया गया, जिसका कुल राशी 44,70,000 रुपए थी, जिसमें मौके पर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से उक्त राशी की अदायगी संबंधित पार्टियों को कर दी गई। इस केसों की सैटेलमेंट यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड डिविजनल आफिस के प्रशासनिक अधिकारी जसविंदर सिंह, डिविजनल मैनेजर तीर्थ राम की सुपरविजन में की गई। उपरोक्त के अलावा विक्टम कंपनसेशन की जिला स्तरीय कमेटी के चेयरमैन-कम- जिला एवं सत्र न्यायधीश अमरजोत भट्टी, सदस्य सी.जे.एम. अपराजिता जोशी व सदस्य एडवोकेट राम जी दास बद्धन की ओर से चार रोड एक्सीडेंट केसों में 8 लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए अवार्ड पास किए गए।
अपराजिता जोशी ने लोगों को अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक केसों को लोक अदालत में लगाएं, जिससे समय व धन दोनों की बचत होती हैं। उन्होंने कहा कि इन लोक अदालतों के फैसले को दीवानी डिक्री की मान्यता प्राप्त है। लोक अदालत में फैसला होने के बाद केस में लगी सारी कोर्ट फीस वापिस मिल जाती है। उन्होंने कहा कि लोग अधिक से अधिक केसों के निपटारा इन लोक अदालतों के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में हुए फैसले की कोई भी अपील नहीं होती व इसका फैसला अंतिम होता है। उन्होंने बताया कि अगली लोक अदालत 13 अगस्त को लगाई जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here