क्या नवजोत सिंह सिद्धू लॉ ग्रेजुएट हैं ?

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। -क्या नवजोत सिंह सिद्धू, जो तत्कालीन 14 वीं और 15 वीं लोकसभा आम चुनावों में पंजाब राज्य की अमृतसर संसदीय  सीट से भाजपा के टिकट पर लगातार तीन चुनाव (जिनमें वर्ष 2007 का उपचुनाव भी शामिल था) जीत कर लगातार दस वर्षो तक उक्त सीट से लोकसभा सांसद रहे जिसके बाद अप्रैल, 2016 में उन्हें मोदी सरकार-1 दौरान देश  के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी द्वारा  राज्यसभा में नामित (मनोनीत ) सदस्य बनाया गया जहाँ से हालांकि उन्होंने तीन माह में ही अर्थात जुलाई, 2016 में त्यागपत्र दे दिया था और कुछ माह बाद जनवरी, 2017 में भाजपा छोड़ कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर 15 वीं पंजाब विधानसभा चुनावों में अमृतसर पूर्वी सीट से  चुनाव जीतकर मार्च, 2017 में विधायक बने एवं  जुलाई, 2019  तक तत्कालीन  कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे, क्या वह वास्तव में लॉ ग्रेजुएट (विधि स्तानक) हैं ?

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सिद्धू , जिन्हें तीन दिन पूर्व 19 मई को ही देश की सुप्रीम कोर्ट द्वारा करीब 34 वर्ष पुराने एक रोड-रेज मामले में दोषी के तौर पर  एक वर्ष की सश्रम/कठोर कारावास की सजा दी गयी है और वर्तमान में वह पटियाला सेंट्रल जेल में बंद है, वह इस वर्ष हालांकि मार्च, 2022 में पंजाब विधानसभा आम चुनावों में अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीट से चुनाव हार गये जो उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि बीते दिनों जब उन्होंने लोक सभा और राज्य सभा की आधिकारिक वेबसाइट पर दोनों सदनों के पूर्व सदस्य रह चुके नवजोत सिद्धू का बायो-डाटा चेक किया, तो उन्होंने पाया कि दोनों सदनों की  वेबसाइट पर पूर्व सदस्यों के वेबपेज पर अपलोड की गई जानकारी में सिद्धू की शैक्षणिक योग्यता को  बी.ए.एलएल.बी. दिखाया जा रहा है।

लोकसभा और राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर पूर्व सांसद सिद्धू की शैक्षणिक योग्यता को दिखाया जा रहा बी.ए.एलएल.बी.

हालांकि जब हेमंत ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी (सी.ई.ओ.)  कार्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर  इसी वर्ष करवाए गये 16 वीं पंजाब विधानसभा आम चुनावों में अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके सिद्धू द्वारा उनके नामांकन पत्र के साथ सौंपें एफिडेविट, जो वहां अपलोड किया गया है, का अध्ययन किया, तो उन्होंने पाया कि उसमें हालांकि सिद्धू ने उनकी शैक्षणिक योग्यता को केवल बी.ए. दर्शाया जिसके साथ उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला और वर्ष 1986 का उल्लेख किया। हालांकि जब हेमंत ने उससे पिछले 15 वीं पंजाब विधानसभा आम चुनावों दौरान जनवरी, 2017 में सिद्धू द्वारा उसी अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीट से नामांकन के साथ दायर एफिडेविट का अवलोकन किया, तो उसमें सिद्धू ने स्वयं को वर्ष 1986 में पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से हालांकि बी.ए./एलएल.बी. का उल्लेख किया था।

वहीं पंजाब विधानसभा सचिवालय द्वारा प्रकाशित एक आधिकारिक बुकलेट में, जिसमें तत्कालीन 15 वीं पंजाब विधानसभा में सदन के  सभी सदस्यों (विधायकों ) का बायो-डाटा है, उसमें सिद्धू की शैक्षणिक योग्यता केवल बी.ए. ही दर्शायी गयी  है। यही नहीं, उससे पूर्व जब सिद्धू द्वारा  अप्रैल-मई 2009 में तत्कालीन 15 वीं  लोक सभा आम चुनावों और उससे पहले अप्रैल-मई 2004 में 14 वीं लोक सभा आम चुनावों में अमृतसर संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उनके नामांकन पत्रों के साथ  दायर दोनों एफिडेविट में हालांकि यह उल्लेख किया था कि उन्होंने वर्ष 1984 में गवर्नमेंट महिंद्रा कॉलेज, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से बी.ए. किया था।

अब इस सबके बीच एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि वास्तव में सिद्धू ने किस वर्ष में बी.ए. किया वर्ष 1984 में, जैसा उन्होंने अप्रैल, 2004 और अप्रैल, 2009 में सौंपें  चुनावी एफिडेविट में दर्शाया या वर्ष 1986 में, जैसा सिद्धू ने इस वर्ष जनवरी, 2022 में 16 वीं पंजाब विधानसभा आम चुनावों में दायर एफिडेविट में उल्लेख किया. वहीं अगर सिद्धू वास्तव में बी.ए.एलएल.बी. हैं, जैसा उन्होंने जनवरी, 2017 में 1 वीं पंजाब विधानसभा आम चुनावों में दायर एफिडेविट में दर्शाया था, तो क्या उन्होंने वर्ष 1984 से वर्ष 1986 के बीच अर्थात दो वर्ष में एलएल.बी. की डिग्री हासिल की हालांकि पांच दशक पूर्व एलएल.बी.  को तीन वर्षीय डिग्री कोर्स कर दिया गया था।

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