शनि जयंती 30 मई को, शनि देव अपनी दृष्टि से किसी भी जातक को बना सकते राजा से रंक और रंक से राजा: पंडित श्याम ज्योतिषी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। शनि जयंती इस वर्ष 30 मई सोमवार को मनाई जाएगी। शनि जयंती पर इस बार एक विशेष संयोग भी बन रहा है। इस बारे में जानकारी देते हुए पंडित श्याम ज्योतिषी ने ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती का काफी महत्व होता है, क्योंकि शनि ग्रह ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा, शनि की दशा जातक के लिए सुख और दुख दोनों लेकर आती है। यही कारण है कि ज्योतिष में शनि को काफी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसी के साथ 30 मई 2022 को शनि जयंती मनाई जाएगी। शनिदेव को कर्म फलदाता, दंडाधिकारी और न्यायप्रिय माना जाता है। इसी के साथ शनि देव अपनी दृष्टि से किसी भी जातक को राजा से रंक और रंक से राजा बना सकते हैं। इसीलिए ज्योतिष में शनि देव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पंडित श्याम ज्योतिषी ने बताया कि भगवान शनि का जन्म ज्येष्ठ माह में अमावस्या के दिन हुआ था। और ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। यही कारण है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि देव का पूजन-अर्चन किया जाता है। हिंदू धर्म में शनि एक देवता भी है और ग्रहों में प्रमुख एक ग्रह भी माने जाते हैं, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में बहुत अधिक महत्व प्राप्त हुआ है। और शनि देव को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जेष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्य देव एवं छाया की संतान के रूप में शनि देव का जन्म हुआ था। और जेष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। पंडित श्याम ज्योतिषी के अनुसार शनि जयंती पर इस वर्ष सोमवती अमावस्या और सर्वार्थ सिद्धि योग एवं सुकर्म योग बन रहा है। साथ ही शनि जयंती 2022 के दिन ज्येष्ठ अमावस्या है, जो सोमवार के दिन है ऐसे में यह सोमवती अमावस्या मानी जाती है। इसी के साथ इस दिन नदियों में स्नान करने और दान करने से जातक को पुण्य फल प्राप्त होता है। इसी के साथ इस दिन शनि देव की विशेष पूजा की जाती है और इस वर्ष शनि जयंती 30 मई सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
शनि जयंती 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में शनिदेव की पूजा करने से जातक की सारी मनोकामना पूर्ण होती है क्योंकि सर्वार्थ सिद्धि योग कार्य में सफलता प्रदान करने वाला योग माना जाता है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए पूजा पाठ का जातक को अवश्य फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि शनि देव कुंभ राशि में रहेंगे और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा। पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि रविवार, 29 मई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होकर सोमवार, 30 मई को शाम 4 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी।

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