निजी स्कूल मालिक अपने वाहनों के ड्राईवरों का करवाएं डोप टैस्ट: अशवनी गैंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। निजी स्कूलों द्वारा कम तनख्वाह पर कम तजुर्बे वाले बस चालकों को रखना बच्चों की जि़न्दगी के साथ खिलवाड़ है। उक्त विचार नई सोच संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अशवनी गैंद ने एक मीटिंग दरमियान कहे। उन्होंने कहा कि गांव सीना ससोली चब्बेवाल में बस पलटने से पहली कक्षा में पढऩे वाली बच्ची जसनूर कौर की मौत निजी स्कूलों के मालिकों के लालचीपन का नतीजा है क्योंकि ड्राईवर रखते समय स्कूल मालिक तनख्वाह को महत्व देते हैं न कि ड्राईवर की काबलियत को। पूर्व पार्षद सुरेश भाटिया तथा श्री गैंद ने बताया कि 2 दिन पहले भी एक निजी स्कूल की बस खेतों में पलट गई थी और ईश्वर की कृपा से बच्चों को मामूली चोटे ही आई थीं। कोई जान का नुक्सान नही हुआ था।

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उन्होंने जिलाधीश होशियारपुर संदीप हंस जी को विनती पत्र कर के कहा कि सभी निजी स्कूलों की बसों और ड्राईवरों की कार्यशैली की जांच जि़ला ट्रांसपोर्ट के उच्च अधिकारियों की निगरानी में करवायें एंव ड्राईवर के साथ-2 कंडैक्टर का होना भी यकीनी बनाया जाये और ड्राईवरों का डोप टैस्ट करना ज़रूरी किया जाये। नई सोच संस्था के सभी सदस्यों द्वारा निजी स्कूलों के प्रिंसीपलों एवं मालिको को चेतावनी देेते हुये कहा कि अगर आगे से ड्राईवरों की गलती या पुुरानी बसों के कारण कोई दुर्घटना घटी या किसी की जान गई तो स्कूल मालिकों के खिलाफ बनती कारवाई की जायेगी चाहे इसके लिए धरना प्रदर्शन ही क्यों न करना पड़े। इस अवसर पर पूर्व पार्षद सुरेश भाटिया, मधुसूदन तिवाड़ी, रविंदर गुप्ता, अमन सेठी,यशपाल शर्मा, बबलु पुरी, अजय जोशी, नीरज गैंद, जतिन्दर शर्मा, राजेश शर्मा, राकेश कुमार, रमन कुमार आदि उपस्थित थे।

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