गांव रामपुर बिलडो की पंचायत में हो रहे घालमेल की जांच की मांग

8

-धीमान ने पंचायत सदस्यों को लेकर प्रैसवार्ता में किया खुलासा-6 पंचायत सदस्यों द्वारा संबंधित अधिकारियों को गांव में प्रबंधक लगाने के लिए सौंपी कापियां भी दिखाई-
होशियारपुर। कंडी के गांव रामपुर बिलड़ो में लेबर पार्टी के प्रधान जय गोपाल धीमान, पंचायत सदस्य अजीत सिंह, मनीश सतीजा व पार्टी के उपाध्यक्ष जसविंदर कुमार धीमान ने प्रैस केलब में बताया कि गांव में 7 पंचायत सदस्यों में से 6 सदस्यों ने गांव में प्रबंधक लगाने की मांग की है। उन्होंने पंचायत मेें फैले भ्रष्टाचार व सरपंच द्वारा की जी रही मनमानी के विरोध में प्रबंधक लगाने व पंचायत का सारा रिकार्ड तलब करने संबंधी बताया है। धीमान ने कार्रवाही रजिस्टर की आर.टी.आई. के तहत प्राप्त हुई एक कापी दिखाई जो अपने आप में भ्रष्टाचार का एक बड़ा सबूत थी। उन्होंने बताया कि इस संबंधी समस्त दस्तावेज जिलाधीश को सौंपे जा चुके हैं ताकि घपले की विजीलैंस जांच हो सके। उन्होंने बताया कि गांव की जमीन तकरीबन 650 एकड़ में फैले जंंगल की जमीन पंजाब लैंड प्रीजरवेशन एक्ट-1990 की दफा 5 अधीन पड़ते खैर के 2155, शीशम के 74, सिंबल के 24, खुटकल 5331, कुल वृक्ष 7584 बिक्री करने संंबंधी हुए घपले की पारी जानकारी सहित पंचायत प्रस्तावों के कागजात दिखाए तथा इंसाफ लेने के लिए जिलाधीश को दे दिए गए हैं। धीमान ने बताया कि बोली को मुख्य रखते हुए 10 लाख रुपये की सिक्योरिटी जमा करवाने वाले एक इश्तिहार जारी किया गया। वृक्षों की बोली 95 लाख रुपये में हुई। परन्तु जो भ्रष्टाचार सामने आया उसे देख कर हैरानी होती है। पंचायत रिकार्ड अनुसार वृक्षों की बोली करवाने तक 7 लाख 53 हजार 240 रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिनमें वृक्षों पर नंबर लगाने, उनके आसपास सफाई करवाने तथा लेबर इत्यादि पर विभिन्न रकम खर्च की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह से खर्च की गई रकम की जांच होनी बनती है क्योंकि उन्होंने खुद उक्त जंगल का दौरा किया है और रास्ते बनाने जैसी उसमें कोई बात नहीं है जो रास्ते बनाने का खर्च भी डाला गया है। इस घपले को देखते हुए 6 पंचायत सदस्यों ने खुद को इससे अलग कर लिया है तथा पंचायत अधिकारियों व प्रशासन से प्रबंधक लगाने की मांग की है। धीमान ने बताया कि भ्रष्टाचार तो हुआ ही है साथ ही अनिमितताओं को जब खंगाला गया तो पता चला कि सरपंंच द्वारा वृक्षों की निलामी की तिथि बढ़ाने के लिए जंंगलात विभाग के पास सिक्योरिटी के तौर पर 13 लाख 17 हजार 695 रुपये जमा करवाने के लिए एक पंचायत सदस्यों से बिना ब्याज के उधार लिए व एक रसीद लिख दी कि बोली पर जिस व्यक्ति से पैैसे उदार लिए थे उसे 18 अगस्त 2015 को प्राप्त भी करवा दिए हैं। इस बोली के चक्कर में पंचायत के खाते में 23 लाख 75 हजार रुपये थे पर जिसमें से साढे सात लाख से अधिक की रकम 13 अगस्त 2015 तक निकली गई तथा 13 लाख 17 हजार 695 रुपये 24 अगस्त 2015 को निकलवा लिए गए। बकाया 3 लाख 51 हजार 870 रुपये रह गए हैैं। धीमान ने कहा कि उक्त सारा घटनाक्रम संंबंधित अधिकारियों की कथित मिलीभगत के हो रहा है। कागजों में तो सभी कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं पर जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। जिसके चलते इस मामले की पड़ताल की जानी बेहद जरुरी है। धीमान ने मांग की कि मामले की असलीयत सबके सामने आने तक जंगल की बोली पर रोक लगाई जाए और कथित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए व जो पैसा अनियमितताओं के तहत खर्च किया गया है वे सरपंंच व संबंधित अधिकारियों से वसूला जाए। इस संबंध में गांव के सरपंच से बात करने का प्रयास किया गया पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।

Advertisements

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here