पुलिस ने आलू व्यापारी पर बिना जांच दर्ज किया चोरी का मामला, चंद घंटों बाद करना पड़ा रद्द

जालंधर(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अभिषेक कुमार। जालंधर पुलिस ने रातों-रात जालंधर के प्रसिद्ध आलू व्यापारी मोनू पुरी पर करोड़ों की चोरी का मामला दर्ज किया था। बिना जांच के मामला अकाली दल के पूर्व विधायक सर्बजीत सिंह मक्कड़ के भाई बिट्टू मक्कड़ की शिकायत पर दर्ज किया गया। केस दर्ज होते ही मामला आला पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा और व्यापारियों ने बताया कि अकाली दल के पूर्व विधायक सर्बजीत सिंह मक्कड़ के भाई बिट्ट मक्कड़ ने धक्केशाही से यह केस दर्ज करवाया है। जिसके बाद जालंधर कमिश्नर गुरशरण सिंह संधू व अन्य पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए कि बादल परिवार के खास रहे मक्कड़ परिवार की तरफ से झूठा केस कैसे दर्ज कर लिया गया। रातोंरात पुलिस अधिकारी तफ्तीश में लग गए और चंद घंटों बाद मामले को कैंसल कर क्लीन चिट दे दी गई। जांच में सामने आया कि मक्कड़ परिवार ने पुलिस को गुमराह कर केस दर्ज करवाया है। मामला जालंधर में आलू व्यापारी मोनू पुरी का है, जिस पर बिट्टू मक्कड़ ने 29 जुलाई की रात को चुपके से चोरी का केस दर्ज करवा दिया।

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आरोप लगाया कि मोनू पुरी उसके घर आया था और गहनों व पैसों से भरा बैग लेकर निकल गया। यह भी कहा कि 16 जुलाई को मोनू उनके घर यानी बिट्टू मक्कड़ के घर चाय पी रहा था, उस समय उनका दोहता वारिस भी मौजूद था। इस बीच फोन आया कि बिट्टू मक्कड़ की साली गुरविंदर कौर मिंटू की दुर्घटना हो गई है। बिट्टू मक्कड़ का कहना है कि वह अपनी पत्नी के साथ तत्काल चले गए और पीछे से वारिस घर में था। बाद में वारिस ने बताया कि मोनू पुरी घर से बैग लेकर गया है, जिसमें 50 लाख रुपये की नकदी के अलावा 1.5 करोड़ के गहने थे।दिलचस्प बात है कि पुलिस ने मामले की जांच ही नहीं की, वर्दीधारियों ने कमाल दिखाते हुए 29 जुलाई की रात को आलू व्यापारी पर चोरी का मामला भार्गव कैंप में दर्ज कर लिया।

मोनू के करीबियों ने तत्काल इस झूठे मामले की जानकारी चंडीगढ़ के आला पुलिस अधिकारियों को दी, जिसके बाद जालंधर पुलिस के हाथ पैर फूल गए और जान बचाने का रास्ता खोजने लगे। 30 जुलाई को ही पुलिस ने जांच की तो पाया कि मिंटू की पत्नी गुरविंदर कौर का एक्सीडेंट तो 17 जुलाई की सुबह 2 बजे हुआ था। 16 जुलाई को मोनू पुरी तो सुलतानपुर लोधी में थे और बाकायदा इसकी कॉल रिकॉर्ड चेक की गई। वहां से रात 10 बजे लौटे तो पुलिस ने वहां की सीसीटीवी भी चेक करवाई। लिहाजा पुलिस ने जांच के बाद मामले में मोनू को क्लीन चिट दे दी। मामला चंडीगढ़ के पुलिस गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। डीसीपी जगमोहन सिंह ने बताया कि केस झूठा दर्ज किया गया था, हमने 24 घंटे में केस रद्द कर दिया है। केस कैसे दर्ज हो गया? इसकी गहराई से जांच की जा रही है।

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