कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। भाजपा के पूर्व जिला प्रधान व प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य शाम सुंदर अग्रवाल ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिना किसी भेदभाव के सबका विकास और सबकी सुरक्षा’ के देश सफल राष्ट्र नहीं हो सकता।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत महा शक्ति के रूप में उभर रहा है। पिछले आठ वर्षों में भारत न केवल विश्व के क्षितिज पर दमदार स्थिति में आया है बल्कि सामरिक और आर्थिक ताकत बनकर उभरा है।उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों को लागू करने का केंद्रीय पहलू लोगों की शक्ति का उपयोग करना रहा है।प्रधानमंत्री ने योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान जनता को काम करने के लिए दृढ़ता से प्रेरित किया। कुछ गलत हो रहा हो,तो उसे रोक कर,जनशक्ति के उपयोग के लाभों को प्रत्यक्ष दिखाया है।इसी तरह जन संवाद की लगातार प्रक्रिया के बिना जनभागीदारी अधूरी है।वास्तविक सहभागी शासन का सार जमीनी वास्तविकताओं को समझने के लिए लोगों के साथ नियमित बातचीत करने की प्रक्रिया पर निर्धारित होता है।इसके बाद मुद्दों के विश्लेषण और उनसे निपटने के लिए सुझावात्मक उपाय पर आधारित नीतियां कागजों पर आती हैं।
आदर्श रूप से नीति के क्रियान्वयन और उस पर लोगों की प्रतिक्रिया के बाद,लाभार्थियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर नीति लागू की जाती सरकार ने लोगों और सरकार के बीच इस निरंतर संवाद को विभिन्न माध्यमों से बनाए रखने और लोगों के जीवन को आसान बनाने का व्यापक ध्यान रखा है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनता को प्रेरित करने में निर्विवाद रूप से सफल रहे हैं।कागज पर बनी नीतियों को हकीकत में बदलने के लिए लोगों ने एक बार नहीं,दो बार नहीं बल्कि अनेक बार उनके आह्वान पर समर्थन दिया है। उनके शब्द इस बात के प्रमाण हैं कि वे लोगों के समग्र विकास के संदर्भ में सोचते हैं और समग्र विकास की यात्रा में किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ते हैं।
नेता के रूप में नीतियों और उनके लाभों को सभी तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक नागरिक की सहभागिता सुनिश्चित करने का उनका प्रण उनकी दृष्टि और शासन में हमेशा और लगातार परिलक्षित होता रहा है। शाम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि उदाहरण के लिए खुले में शौच के मुद्दे को लें,जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने पहले संबोधन में उठाया था। उन्होंने देश के सभी नागरिकों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने के लिए कहा और यह एक जन आंदोलन बना।केवल 60 महीनों में 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाने में सफलता पाई गई।यह एक ऐसा कारनामा है जिसे देख कर दुनिया चकित है।भले ही यह सिर्फ एक स्वच्छता मिशन की तरह लग सकता है,मगर इसने महिलाओं के लिए सम्मान और सुरक्षा भी सुनिश्चित की है।कई बच्चों की जान बचाई है और कई लड़कियों को स्कूल छोडऩे से रोका है।जल जीवन मिशन का एक और उदाहरण लें,अकेले जिसने अब तक गांवों में 10 करोड़ से अधिक नल के कनेक्शन सुनिश्चित किए हैं।