हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा । जैव-विविधता से तात्पर्य विभिन्न प्रकार के जीव−जंतु और पेड़-पौधों की प्रजातियों से है। वैज्ञानिकों का भी एकमत है कि जैव-विविधता की कमी से बाढ़, सूखा और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ जाता है। अब तक, पृथ्वी जैव विविधता के पांच बड़े पैमाने पर विलुप्त होने से पहले ही गुजर चुकी है, जो ज्यादातर प्राकृतिक घटनाओं जैसे ज्वालामुखी विस्फोट, गहरे हिम युग, उल्कापिंड के प्रभाव और टकराने वाले महाद्वीपों के कारण होती है। हालांकि, कुछ वैज्ञानकों का मानना है कि जिस तरह मनुष्य लगातार वायु एवं जल को प्रदूषित करने के साथ साथ वन-संपदा का अनियंत्रित दोहन कर रहा है तो वो दिन दूर नहीं जब छठा भी होगा।
इसी जवलंत मुद्दे के मद्देनज़र समाज को जागरूक करने हेतु स्वर्ण जयंती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ( उत्कृष्ट) टौणी देवी में मयूर इको क्लब द्वारा जैव-विविधता दिवस मनाया गया यह जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने बताया कि पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए जैव-विविधता बेहद महत्वपूर्ण है। इसके नुकसान से ज़ूनोस (कोई भी ऐसा संक्रामक रोग है जो गैर मानुषिक जानवरों, घरेलू और जंगली दोनों ही, से मनुष्यों में या मनुष्यों से गैर मानुषिक जानवरों में संक्रमित हो सकता है ) का विस्तार हो सकता है जबकि, दूसरी ओर अगर हम जैव विविधता को संपूर्ण अथवा अक्षुण्ण रखते हैं, तो यह कई महामारियों से लड़ने के लिए उत्कृष्ट उपकरण प्रदान करता है।
इसलिए हम सबको मिलकर एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव-विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए हमें अवसर प्रदान कर सकें।उन्होंने सभी बच्चों से अपने घर के पास या किसी सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाने का आह्वान किया जिससे पर्यावरण भी हरा-भरा रहेगा और साफ हवा भी मिलेगी।
वहीँ प्रभारी हेम लाल ने बताया कि जैव-विविधता से संबंधित विषयों के संदर्भ में जागरूकता विकसित करने के लिए प्रति वर्ष 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम “बी पार्ट ऑफ द प्लान” अर्थात “योजना का हिस्सा बनें” है जो हमें ये समझती है कि हमारी छोटी-छोटी कोशिशें भी पर्यावरण की सुरक्षा में बड़ा योगदान दे सकती हैं।
हम सब सरकार, समुदाय, संगठन, व्यवसाय और और अन्य लोगों के साथ मिलकर जैव विविधता की रक्षा के लिए प्रयास करें और प्रकृति की सुरक्षा में योगदान दें ताकि पृथ्वी एक ऐसी जगह बनी रहे जहां सभी जीव-चाहे वे किसी भी वातावरण पर निर्भर हों, न केवल जीवित रह सकते हैं, बल्कि फलते-फूलते भी रहें। कक्षा +1 की छात्रा तन्वी ने भी बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कि हम अगर पानी, बिजली और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हमेशा सोच-समझकर करें तो न केवल इन संसाधनों को बचा सकते हैं अपितु पर्यावरण की सुरक्षा में मदद भी कर सकते हैं।
इस अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता करवाई गयी जिसमें जूनियर वर्ग में तान्या व् अनिरुध प्रथम, रितिका द्वितीय और प्रांजलि व् सुरभि तृतीय, सीनियर वर्ग में शगुन व् नैंसी प्रथम, शीतल व् कोमल द्वितीय और अनन्या व् पारुल तृतीय रहे I इस अवसर पर कुसुम लता, कविता,अदिति सहित अन्य अध्यापक उपस्थित रहे।