नशाखोरी एक मानसिक बीमारी, इसका इलाज संभव: डिप्टी मैडिकल कमिश्नर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार के निर्देशों पर फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट होशियारपुर ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जिले में तंबाकू व नशाखोरी के खिलाफ जागरुकता सैमीनार का आयोजन किया। सैमीनार में मुख्य मेहमान के तौर पर डिप्टी मैडिकल कमिश्नर डा. हरबंस कौर ने शिरकत की। इस मौके पर इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल डा. ए. जगन्नाथन, जिला कोआर्डिनेटर अश्वनी कुमार कौंडल, टीचिंग एसोसिएशन अभिषेक पाठक व इंस्टीट्यूट का स्टाफ मौजूद था। सैमीनार को संबोधित करते हुए डिप्टी मैडिकल कमिश्नर डा. हरबंस कौर ने नशे के बुरे प्रभावों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि नशाखोरी एक मानसिक बीमारी है और इसका इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि जिले में नशाखोरी का इलाज पंजाब सरकार की ओर से नशा मुक्ति केंद्र सिविल अस्पताल, दसूहा के अलावा सरकारी पुर्नवास केंद्र होशियारपुर (मोहल्ला फतेहगढ़) व 17 ओ..ओ.ए.टी. क्लीनिकों में नि:शुल्क किया जाता है।

Advertisements

उन्होंने बताया कि नशाखोरी का इलाज स्वास्थ्य विभाग पंजाब की ओर से नि:शुल्क किया जाता है और मरीज को पहले 10-15 दिन के लिए नशा मुक्ति केंद्र होशियारपुर व दसूहा में रखा जाता है, जहां मरीज का डीटाक्सीफिकेशखन करने के बाद मरीज को 90 दिनों के लिए सरकारी पुर्नवास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ में दाखिल करवाया जाता है। डिप्टी मैडिकल कमिश्नर ने कहा कि पुर्नवास केंद्र में मरीजों की ग्रुप काउंसलिंग, व्यक्तिगत काउंसलिंग, पारिवारिक काउंसलिंग, आध्यात्मिक काउंसलिंग, योग, कसरत, जिम व अन्य गतिविधियां करवाई जाती है। इसके अलावा पंजाब सरकार की ओर से ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक खोले गए हैं जहां अफीम से बनने वाले नशे का इलाज जीभ के नीचे रखने वाली गोली बुप्रोनोरफिन व निलाक्सन से किया जाता है। सैमीनार को मनोवैज्ञानिक-कम-काउंसलर संदीप कुमारी व एक्टिविटी कोआर्डिनेट प्रशांत आदिया ने भी संबोधित किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here