रेत का खेल व्यवस्था फेल: कभी इस पाले तो कभी उस पाले, चांदी ही चांदी, सत्ता बदलते ही बदले आका

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछली अकाली दल की सरकार के समय में रेत का खेल ऐसा शुरु हुआ कि उसके बाद कांग्रेस सरकार के समय में भी रेत यानि अवैध खनन का मुद्दा पांच साल ही छाया रहा। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले आप द्वारा दावा किया जाता था कि उनकी सरकार आते ही अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी और रेत एवं मिट्टी आदि सस्ते दाम पर लोगों को मुहैया करवाएंगे। लेकिन आप ये दावे भी धरे के धरे दिखाई दे रहे हैं और रेत के खेल में मालामाल हो रहे लोगों की चांदी ही चांदी है। क्योंकि, वे ऐसे लोग हैं जो राज बदलते ही आका भी बदल लेते हैं।

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और तो और रेत के इस अवैध खेल में पहले तो किसी समय अकालियों के सिर पर राज करते थे वे कांग्रेसी आका के सिर पर खेलते रहे और अब सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार उन्होंने आका बदलकर आप का बना लिया है ताकि उनपर कोई हाथ न डाल सके। सरेआम चल रहे इस खेल में आप के तथाकथित कार्यकर्ता जोकि खुद को एक कैबिनेट मंत्री के नजदीकी बताता है, के द्वारा होशियारपुर के आसपास के इलाकों से माइनिंग करके चोअ के साथ लगते इलाके में ही स्टोर किया जा रहा है तथा कुछेक ने तो आम जनता की नजऱ से दूर खाली इलाके में रेत व मिट्टी को स्टोर किया हुआ है और वहां से चलता है आगे का खेल। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार शाम चौरासी इलाके में जहां रेत का अवैध खनन जोरों पर है तथा आप नेताओं की छत्रछाया में रात के समय मशीमें धड़ाधड़ खनन करके इसमें लिप्त नेताओं और खनन वालों की जेबें भरने में जुड़ जाती हैं। दिन के समय खेल बंद रखा जाता है ताकि किसी को शंका भी न हो कि आखिल जो रात के समय खनन हुआ था वो कहां खप गया।

कभी इस पाले तो कभी उस पाले, चांदी ही चांदी, सत्ता बदलते ही बदले आका

इसी प्रकार होशियारपुर हलके में भी रेक का अवैध खनन जोरों पर हैं तथा सत्ताधारी नेताओं एवं उनके चहेतों की मिलीभगत से उन पर न तो पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही की जा रही है और न ही माइनिंग विभाग इस बारे में सख्ती बरतना वाजिब समझ रहा है। आलम ये है कि एक तरफ आप सरकार ईमानदारी से कामकाज करने के दावे करने नहीं छोड़ रही तो दूसरी तरफ रात के समय चलने वाले अवैध खनन के खेल को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे।

लोगों को पहले एक ट्राली रेत जिसमें करीब 100 से 150 फिट रेत आती है 1500 से 2000 में मिल जाती थी। जिसका रेट बाद में 2500 से 3000 पहुंच गया तथा वर्तमान समय में रेत के खनन पर रोक के चलते वही ट्राली 4 से 5 हजार में बेची जा रही है। जिसके कारण आम लोगों की जेब पर डाका पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो अवैध खनन से जुड़े तारों को अच्छे से खंगाला जाए तो उसके तार बड़े नेताओं से जुड़ते हुए साफ दिख जाएंगे। लेकिन अब मगरमच्छ के मुंह में हाथ कौन डाले, स्थिति वैसी बनी हुई है।

इस खेल में जुड़े लोग इतने शातिर हैं कि वे हिमाचल प्रदेश में खनन खुला होने के कारण वहां से एक पर्ची पर ट्रक एवं टिप्पर आदि मंगवा लेते हैं और उसी पर्ची पर आगे का खेल चलता है। जिसमें कथित तौर पर माइनिंग विभाग और पुलिस की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता, जिनके कंधों पर इसे रोकने का भार है। इतना जरुर है कि कभी कभार एकाध ट्राली चालक को पकडक़र उस पर मामला दर्ज करके फर्ज की इतिश्री जरुर कर दी जाती है। लेकिन इस काम में जुड़े बड़ी मछलियां बिना किसी खौफ के अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने में लगी हुई हैं।

आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों का नाम अवैध माइनिंग में सामने आने पर कैबिनेट मंत्री ब्रह्मशंकर जिम्पा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में किसी को भी गलत काम करने की इजाजत नहीं है तथा सभी कार्य ईमानदारी से पूरे करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माइनिंग एवं पुलिस विभाग पूरी तरह से स्वतंत्र हैं तथा अगर कोई अवैध खनन करता है, भले ही वह दिन में करे या रात के समय में, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए, भले ही वह आम आदमी पार्टी से ही जुड़ा हुआ क्यों न हो।

अब देखना ये होगा कि कैबिनेट मंत्री द्वारा कही बात का माइनिंग व पुलिस विभाग पर क्या असर होता है। क्या, पहले की तरह गरीब ट्रैक्टर-ट्राली चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है या फिर बड़ी मछलियों पर नकेल कसी जाती है।

एसडीओ माइनिंग विभाग सरबजीत कुमार ने कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो वह इसकी गहनता से जांच करवाएंगे और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करवाई जाएगी ताकि हिमाचल से एक ट्रक या टिप्पर आदि मंगवाकर उसकी पर्ची पर यहां पर अवैध खनन करके रेत न बेची जा सके।

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