पंजाबी बोलने पर पाबंदी लगाने वाले शिक्षण संस्थाओं को मुख्यमंत्री की चेतावनी, की जाएगी कड़ी कार्यवाही

पटियाला, 12 दिसंबर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सख़्त ताडऩा करते हुए कहा है कि जो कोई शिक्षा संस्थाएं अपने कैंपस में पंजाबी भाषा बोलने पर पाबंदी लगाएंगी, उनके विरुद्ध राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। यहाँ पंजाबी यूनिवर्सिटी में अंतर-यूनिवर्सिटी युवा मेले के आखिऱी दिन जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि कुछ शिक्षा संस्थाएं अपने कैंपस में पंजाबी बोलने पर जुर्माने लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह ग़ैर-वाजिब है क्योंकि राज्य में रहने वाले सभी पंजाबियों की मातृभाषा पंजाबी है। भगवंत मान ने ऐसी शिक्षा संस्थाओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ऐसे जुर्माने लगाए तो उनके खि़लाफ़ सख़्त कदम उठाया जायेगा।  

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पंजाब को दुनिया भर में अग्रणी राज्य बनाने के लिए नौजवानों को सक्रिय भूमिका निभाने और पंजाब सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास नौजवानों की अथाह ताकत और कौशल का भंडार है, जो समाज में रचनात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा प्रेरक के तौर पर काम करता है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब नौजवान राज्य और समाज के सामाजिक-आर्थिक विकास में रचनात्मक योगदान दें। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के कल्याण और तरक्की के लिए प्रतिबद्ध है और इस महान कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरूओं, पीरों-फकीरों, पैगंबरों और संतों की धरती है, जिन्होंने पंजाबियों को ज़ुल्म और बेइन्साफ़ी के विरुद्ध लडऩे की शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब हरेक संकट के बाद में विजेता बनकर उभरा है और सफलता की नई कहानी लिखी है। भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब राज्य सरकार की अथक कोशिशों से राज्य की पुरातन शान बहाल होगी।  

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हरेक व्यक्ति की सफलता के लिए कुंजी का काम करती है और राज्य के नौजवानों को मानक शिक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के शिक्षा ढांचे की मज़बूती और कायाकल्प के लिए राज्य सरकार के पास बड़ी संख्या में फंड मौजूद हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नौजवानों को नौकरियाँ देने के लिए बड़े स्तर पर कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अलग-अलग विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। भगवंत मान ने बताया कि अब तक 20,000 से अधिक सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र नौजवानों को सौंप दिए हैं और अन्य भर्ती प्रक्रिया अधीन है।  
 मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजग़ार के नए अवसर सृजन करने के लिए राज्य सरकार पंजाब को औद्योगिक केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए बड़ी कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से पहली सरकारों के समय के दौरान नए प्रोजैक्टों के लिए एम.ओ.यू. सत्ताधारी जमात के परिवारों के साथ होता था, परन्तु अब यह समझौते पंजाब और पंजाबियों के भले के ख़ातिर राज्य सरकार के साथ किए जा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के स्वरूप बड़े औद्योगिक दिग्गज राज्य में अपने-अपने प्रोजैक्ट स्थापित कर रहे हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का मनोरथ राज्य के नौजवानों को नौकरियाँ लेने वाले नहीं बल्कि नौकरियाँ देने के योग्य बनाना है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को कौशल विकास की शिक्षा देने पर ध्यान दिया जा रहा है, जिससे उद्योगों के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने नौजवानों के लिए रोजग़ार के अवसर पैदा करने के लिए कई प्रयास किए हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की खुशकिस्मती है कि जी-20 के दो सत्र राज्य में हो रहे हैं, जिनमें से शिक्षा के विषय पर पहला सत्र 15, 16 और 17 मार्च को होगा, जबकि रोजगार विषय पर दूसरा सत्र 22-23 जून को होगा। उन्होंने कहा कि राज्य को दुनिया भर में उसकी गरिमापूर्ण मेज़बानी के तौर पर जाना जाता है और इन विशेष समारोहों में शिरकत कर रहे मुल्कों के मेहमानों के स्वागत में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।  

 भगवंत मान ने कहा कि यह सत्र अमृतसर की पवित्र धरती पर होंगे, जहाँ रोज़ लाखों श्रद्धालू श्री दरबार साहिब, दुरग्याना मंदिर, श्री राम तीर्थ, जलियांवाला बाग़ और अन्य स्थानों पर नतमस्तक होने के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस सम्मेलन में शामिल होने वाले आदरणीयों के आरामदायक ठहरने के लिए पुख़्ता प्रबंध करेगी। उन्होंने कहा कि मेहमानों के अच्छे से ठहरने के अलावा उनको रिवायती पंजाबी खाने भी परोसे जाएंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर से आने वाले मेहमानों के आगे सांस्कृतिक समारोहों के दौरान पंजाबी सभ्याचार की झलक पेश की जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि यदि राज्य के अन्य जिलों में जाने की इच्छा अभिव्यक्त की तो उनको खेल के केंद्र के तौर पर जाने जाते जालंधर आदि स्थानों पर ले जाने के बंदोबस्त किये जाएंगे।  

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और चेतन सिंह जौड़ामाजरा के अलावा मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव कुमार अमित और पंजाबी यूनिवर्सिटी के उप कुलपति प्रो. अरविन्द और विधायक अजीत पाल सिंह कोहली, डॉ बलबीर सिंह, नीना मित्तल, गुरलाल घनौर, कुलवंत सिंह बाजीगर, गुरुदेव सिंह देव मान, युवक सेवाएं विभाग के प्रमुख सचिव राजकमल चौधरी, डायरेक्टर राजेश धीमान, आईजी मुखविंदर सिंह, डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी, एसएसपी वरुण शर्मा, जिला योजना कमेटी चेयरमैन जसवीर सिंह, जरनैल सिंह मनु, लोकसभा इंचार्ज इंद्रजीत सिंह संधू, प्रीति मल्होत्रा, अमरीक सिंह, चेयरमैन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट  मेघ  चांद शेरमाजरा,  आप शहरी प्रधान  तेजिंदर मेहता, महिला प्रधान वीरपाल कौर चहल मौजूद थे।

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