डेटा माइनिंग विंग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 3 गुना राजस्व वसूला: हरपाल चीमा    

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने डेटा माइनिंग विंग द्वारा तैयार की गई रिपोर्टों के आधार पर चालू वित्तीय वर्ष के दौरान नवंबर महीने तक 1252.36 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह किया, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 की इसी समय-सीमा के दौरान एकत्र किए गए 422.09 करोड़ रुपए के मुकाबले लगभग तीन गुना है।  
 
यहाँ जारी एक प्रैस बयान के द्वारा इस बात का खुलासा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि डेटा माइनिंग विंग की रिपोर्टों के आधार पर वसूले गए कुल राजस्व में से 279.01 करोड़ रुपए नकद अदा किये गए और 973.35 करोड़ रुपए इन्पुट टैक्स क्रेडिट की वापसी या एडजस्टमेंट था। उन्होंने कहा कि इसके मुकाबले डेटा माइनिंग विंग द्वारा साझा की गई रिपोर्टों के आधार पर नवंबर 2021 तक पिछले साल का राजस्व संग्रह 422.09 करोड़ रुपए था, जिसमें से 261.68 करोड़ रुपए का नकद भुगतान किया गया था और 160.41 करोड़ रुपए आई.टी.सी वापसी या एडजस्टमेंट था।  
 
पहले की तरह ‘इंस्पेक्टर राज’ के द्वारा व्यापारियों को परेशान करने की जगह कर चोरी पर नकेल कसने के लिए नवीनतम प्रौद्यौगिकी के प्रयोग पर ज़ोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि डेटा माइनिंग विंग ई.टी.टी.एस.ए. (विभागों की अपनी तकनीकी सेवा एजेंसी) और अलग-अलग प्लेटफॉर्म जैसे कि बोवेब पोर्टल, ईवे बिल पोर्टल, एस.ए.एस टूल, बी.आई.एफ.ए और जे.पी.ए.एल आदि की मदद से टैक्स चोरी की गतिविधियों का पता लगा रहा है। उन्होंने कहा कि डेटा माइनिंग विंग जी.एस.टी.एन और ई.टी.टी.एस.ए से प्राप्त डेटा में पाई गईं अनियमितताओं और ख़ामियों के आधार पर रिपोर्टें तैयार करता है और यह रिपोर्टें विभाग की सम्बन्धित शाखाओं के साथ साझी की जा रही हैं, जिससे अपेक्षित कार्यवाही करने के साथ-साथ उनकी पालना को सुनिश्चित बनाया जा सके।  
 
 वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने किसी भी किस्म की टैक्स चोरी को रोकने के लिए चोरी वाले स्थानों को बंद करने पर अपनी ताकत केन्द्रित की है। उन्होंने कहा कि आबकारी और कराधान विभाग द्वारा स्थापित की जा रही टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट (टी.आई.यू) भी इस दिशा में लिया गया अहम फ़ैसला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इन प्रयासों से ना केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि प्रगतिशील और ईमानदार व्यापारियों एवं उद्योगपतियों की बेहतरी के लिए राज्य के कारोबारी माहौल को और अनुकूल बनाया जायेगा।

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