मुख्यमंत्री ने वल्लाह रेलवे ओवर ब्रिज राज्य को किया समर्पित

अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। समूचे माझा क्षेत्र के लोगों की लम्बे समय की माँग को पूरा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज वल्लाह में नया बना रेलवे ओवर ब्रिज (आर. ओ. बी) लोगों को समर्पित कर दिया जिससे शहर को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ट्रैफ़िक की समस्या को दूर किया जा सके। इस प्रोजैक्ट को समर्पित करने के मौके पर इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह ऐतिहासिक पहलकदमी है जो पवित्र नगरी में यातायात को सुचारू बनाने में मदद करेगी जिससे शहर निवासियों, श्रद्धालुओं और यात्रियों को लाभ मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र शहर के विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से यह विनम्र सा प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र धरती पर श्री दरबार साहिब, दुर्ग्याना मंदिर, जलियांवाला बाग़, भगवान वाल्मीकि तीर्थ आदि में रोज़मर्रा के लाखों की संख्या में संगतें नतमस्तक होती हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस प्रोजैक्ट से उनको शहर में आकर पवित्र स्थलों पर माथा टेकने में सुविधा होगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे के अमृतसर-साहनेवाल सेक्शन पर इस प्रतिष्ठित प्रोजैक्ट पर लगभग 33 करोड़ रुपए ख़र्च किये गए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग के साथ तैयार किया गया है और इस आर. ओ. बी. पर अमृतसर इम्परूवमैंट ट्रस्ट ने 18.83 करोड़ रुपए ख़र्च किये हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस प्रोजैक्ट के लिए 14.12 करोड़ रुपए रेलवे के हिस्से आते थे, जिसमें से 7.48 करोड़ रुपए मिल चुके हैं जबकि 6.64 करोड़ रुपए अभी बकाया हैं। मुख्यमंत्री ने जी-20 के शिक्षा सैशन की सफलता के लिए राज्य के लोगों ख़ास कर पवित्र शहर के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन सैशनों में शक्तिशाली देशों के नुमायंदों ने हिस्सा लिया है जो दुनिया के 80 प्रतिशत हिस्से से सम्बन्धित हैं। भगवंत मान ने उम्मीद अभिव्यक्त की कि यह विचार-विमर्श मैंबर देशों में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक तबदीलियाँ लाने का आधार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आने वाले डैलीगेटों के आरामदायक ठहराव को यकीनी बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि शहर के लोगों के सक्रिय सहयोग के साथ राज्य सरकार की कोशिशों के ज़रुरी नतीजे सामने आए हैं और डैलीगेटों ने राज्य की गरिमापूर्ण आतिथ्य का आनंद माना है। भगवंत मान ने कहा कि यह प्रतिनिधि अपने साथ पंजाब दौरे की ताज़ी यादों को साथ लेकर जाएंगे जो उनकी ज़िंदगी के सफ़र का सदा हिस्सा बन कर रहेंगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य सरकार पंजाब को शिक्षा के केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में किसी व्यक्ति की दौलत को उसके बंगले, कारों या जायदाद की संख्या के साथ नहीं जोड़ा जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि किसी व्यक्ति की सम्पत्ति का पता उसके बच्चों ने प्राप्त की शिक्षा के स्तर से लगाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मंतव्य के लिए उनकी सरकार राज्य में शिक्षा क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों को मानक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के 23 जिलों में 117 ‘स्कूल आफ एमिनेंस’ बनाऐ गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह स्कूल इंजीनियरिंग, कानून, कॉमर्स, यू. पी. एस. सी और एन. डी. ए समेत पाँच पेशेवर और मुकाबलों के कोर्सों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब में मैडीकल शिक्षा को काफी बढ़ावा देते हुये राज्य सरकार ने आने वाले पाँच सालों में 16 नये मैडीकल कालेज बनाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में मैडीकल कालेजों की कुल संख्या 25 हो जायेगी जिससे यह यकीनी हो जायेगा कि राज्य के हर जिले में एक मैडीकल कालेज हो। भगवंत मान ने आगे कहा कि राज्य में दो मैडीकल कालेजों का काम शुरू भी हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि वह इस बात के समर्थक हैं कि अलग-अलग विचार और राय देने वाला लोकतंत्र हमेशा सफल होता है। भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र में विरोधी पक्ष और सत्ताधारी पक्ष, दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को राज्य के विकास के लिए मिल कर यत्न करने चाहिएं। दक्षिणी राज्यों के संसद सदस्यों की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि अलग-अलग राजनैतिक विचारधारा के बावजूद जब उनसे सम्बन्धित राज्यों और यहाँ के लोगों के हितों के साथ जुड़ा कोई भी मामला होता है तो वे हमेशा इकठ्ठा होते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास और खुशहाली के लिए हर जगह एक जैसा जोश और भावना होनी चाहिए।

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