होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार ने सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षा प्रोवाइडर यूनियन की अध्यापिका मनप्रीत कौर संगरूर और इंद्रजीत सिंह मानसा को सेवाएं समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया है। गवर्नमेंट टीचरज़ यूनियन पंजाब की जिला इकाई के नेताओं ने इसको दुर्भाग्यपूर्ण बताया क्योंकि पिछले कई दिनों से संगरूर में कच्चे अध्यापक अपनी सेवाओं को नियमित करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं और 1 जुलाई को सरकार और पुलिस ने अध्यापकों को गिरफ्तार भी कर लिया है और इन आंदोलनकारी अध्यापकों पर लाठियाँ भी मांझी। इस समय जीटीयू के जिला अध्यक्ष प्रिंसिपल अमनदीप शर्मा ने कहा कि आंदोलनरत शिक्षकों की सेवा नियमित करने के बजाय उनकी सेवा समाप्त कर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले शिक्षकों को इस तरह डरा-धमकाकर चुप कराना अभिव्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, लेकिन होना तो यह चाहिए था कि सरकार को आंदोलनकारी शिक्षकों से सहानुभूतिपूर्वक बात करनी चाहिए थी और उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए था।
इस समय संगठन के महासचिव जसवीर तलवाड़ा ने कहा कि सरकार पिछली सरकारों की तरह आंदोलन को दबाने के लिए लाठी-गोलियों का सहारा ले रही है, लेकिन याद रहे कि इस तरह के आंदोलन को लाठी-गोलियों से कभी दबाया नहीं जा सकता। इस समय वरिष्ठ उपाध्यक्ष लेक्चरर अमर सिंह और उपाध्यक्ष प्रितपाल सिंह चौटाला ने कहा कि जी टी यू पंजाब कच्चे अध्यापकों के आंदोलन को जिताने के लिए हर तरह का समर्थन दे रही है। इस अवसर पर अन्यों के अलावा ज़िला संयुक्त सचिव विकास शर्मा, प्रिंस गढ़दीवाला, अरविंदर सिंह माहिलपुर, प्रिंसिपल हरजीत सिंह, हेडमास्टर संदीप सिंह, बलजीत कौशल, लेक्चरर हरविंदर सिंह, नरेश कुमार गढ़शंकर, सुनील कुमार शर्मा, संजीव धूत, गुरनाम सिंह, रजत महाजन, सचिन कुमार, शाम सुंदर कपूर, नरिंदर अजनोहा, केशव दास खेपड़, सतविंदर माहिलपुर, सतीश कुमार, राज कुमार, संदीप शर्मा बागपुर, रणवीर सिंह, अनुपम रतन, लेक्चरर उपिंदरजीत सिंह, सरबजीत टांडा, नरिंदर मंगल, राजेश अरोड़ा, मंजीटी सिंह मुकेरियां, प्रिंसिपल बलवीर सिंह, शशिकांत तलवाड़ा, कमलदीप सिंह भुंगा, लेक्चरर संजीव कुमार, बलजीत कौशल, पवन गोयल, अशोक कुमार बुलोवाल, मनोज रतन, खुशवंत सिंह मुकेरियां, जसविंदर बुलोवाल, जरनैल सिंह, मनवीर सिंह, अमनदीप सिंह, लेक्चरर हरजीत सिंह, लेक्चरर स्वर्ण सिंह, जसवंत सिंह मुकेरियां, परसराम, नरेश कुमार मेढ़ा, अमरजीत हाजीपुर, गुरविंदर जज और सुरिंदर कुमार कमाही देवी, नरेश कुमार आदि मौजूद थे।