माननीय हाई कोर्ट ने विकास समिति को ठहराया अमान्य, शिवाला भोला राम मिस्त्री ट्रस्ट की हुई जीत: डा. पनेसर

चंडीगढ़/होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शिवाला भोला राम मिस्त्री ट्रस्ट और विकास समिति के बीच माननीय अदालत में चल रहे केस में नया मोड़ आया है तथा माननीय अदालत द्वारा जारी आदेश में विकास समिति के दावे को खारिज कर दिया गया है तथा अदालत ने विकास समिति और उसके सदस्यों को अदालत ने गैर कानूनी करार दिया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए शिवाला भोला राम मिस्त्री ट्रस्ट के प्रधान डा. प्रितपाल पनेसर ने बताया कि भोला राम मिस्त्री ने अपनी गहन भक्ति के फलस्वरुप इस शिवाले का निर्माण करवाया था और मंदिर को सुचारु रुप से चलाने हेतु उनके वारिसों ने एक निजी पारिवारिक ट्रस्ट का गठन किया था। अपने बाद उन्होंने शिवाले पर परिवार का अधिकार रखा और शिवाले और उसकी जमीन पर पारिवारिक निजी ट्रस्ट का अधिकार है। लेकिन विकास समिति गठित करके कुछ लोगों ने मंदिर पर अधिकार का प्रयास किया था। जिस संबंधी माननीय अदालत में केस किया गया था। जिस पर पहले निचली अदालतों ने तो अब माननीय हाई कोर्ट ने समिति को अमान्य करार देते हुए कहा है कि मंदिर या मंदिर की जमीन पर उसका कोई अधिकार नहीं है तथा विकास समिति को कोई अधिकार नहीं है।

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28 जुलाई को माननीय हाई कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले को सुरक्षित रखते हुए जारी किए थे आदेश

डा. पनेसर ने बताया कि 7 जून 1985 का निचली अदालत ने निर्णय दिया था कि विकास समिति का मंदिर (शिवाले) या उसकी जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। यह समिति अमान्य है। श्री भोला राम जी का परिवार और उनके वारिस ही इस मंदिर और उसकी जमीन की देखभाल करेंगे। इसके बाद 1988 में विकास समिति के सदस्यों ने सैशन कोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद 29 फरवरी 1989 को सैशन कोर्ट ने भी इनकी अपील को जुर्माने सहित खारिज कर दिया था। 1989 में विकास समिति ने माननीय हाईकोर्ट में अपील कर दी थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद 28 मार्च 2023 को माननीय हाईकोर्ट ने भी समिति सदस्यों की अपील खारिज कर दी और निचली अदालत और सैशन कोर्ट के फैसले को बहाल रखा। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि यह शिवाला व उसकी जमीन पर सिर्फ पारिवारिक निजी ट्रस्ट का अधिकार है।

मंदिर पर विकास समिति, संस्था, किसी पुजारी, महंत या साधु का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए विकास समिति मंदिर के नाम पर या किसी धार्मिक समागम के नाम पर आम जनता से कोई चंदा/उगाही नहीं कर सकती। डा. पनेसर ने जनता से अपील की कि वे इस गैर कानूनी विकास समिति को मंदिर के नाम पर अपना बहुमूल्य दान न दें। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिवाला के नाम पर किसी से चंदा मांगता हुआ या उगाही करता हुआ पाया गया तो ट्रस्ट की तरफ से उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। डा. पनेसर ने माननीय अदालत का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें माननीय अदालत पर पूरा भरोसा था और है।

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