होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से पंजाब भर के प्राइमरी स्कूलों के पदों और पदों की संख्या के बारे में डेटासूचियाँ पोर्टल के माध्यम से जारी की गई हैं, जिससे पूरे पंजाब के प्राइमरी शिक्षकों और प्री-प्राइमरी शिक्षकों सहित स्कूल हेड -टीचरों में आशंका और भय का माहौल पैदा हो गया है, जिस पर गवर्नमेंट टीचरज़ यूनियन पंजाब,होशियारपुर के जिला अध्यक्ष, प्रिंसिपल अमनदीप शर्मा एवं महासचिव जसवीर तलवाड़ा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने संगठन के साथ पूर्व बैठक में बनी सहमति पर कोई रचनात्मक कार्य नहीं किया, बल्कि चुपचाप विद्यार्थियों की संख्या को आधार बनाकर सैकड़ों ईटीटी पोस्टों और हाल ही में वेतन वृद्धि प्राप्त अध्यापकों को भी सरप्लस शिक्षकों की सूची में डालकर सूची जारी कर दी ,इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
अध्यापक नेताओं ने कहा कि हाल ही में विभाग के अधिकारियों और मंत्री ने कहा था कि पहले हम प्रमोशन करेंगे, फिर नये शिक्षकों की पद स्थापना करेंगे। लेकिन सब कुछ इसके विपरीत हुआ कि चुपचाप प्राइमरी और प्री-प्राइमरी पोस्टों को बिना किसी पूर्व नियम आदि के शिक्षकों के पद हटा दिए गए, विभाग के पोर्टल पर बेबुनियाद नियम लगाकर स्कूलों के पदों को सरप्लस दिखाया गया, जिससे पूरे पंजाब के शिक्षकों में रोष और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। नेताओं ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग को पहले स्कूलों में माहौल बनाने के लिए पहले सुधार करना चाहिए, फिर तर्कसंगत नीति के साथ स्कूलों में कक्षावार शिक्षक देने चाहिए और अनुपात भी सही करना चाहिए। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों और शिक्षकों का अनुपात भी 1:20 होना चाहिए ताकि स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाया जा सके इसके साथ ही दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में अल्पसंख्यक आबादी वाले स्कूलों में कम से कम 2 ईटीटी शिक्षक होने चाहिए और साथ ही प्री-प्राइमरी शिक्षकों को भी स्कूलों में तैनात किया जाना चाहिए क्योंकि प्राथमिक शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों से पहले ही स्कूल अनुदान,मिड -डे -मील , ऑनलाइन डेटा,बीएलओ ड्यूटी एवं अन्य कई गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैंl
विद्यालयों में एच टी अध्यापक का पद प्रशासनिक माना जाये और जहाँ छात्रों की संख्या 150 से अधिक है, वहां (एचटी) मुख्य अध्यापक के पद को प्रशासनिक गिनकर शिक्षकों की संख्या से बाहर रखा जाना चाहिए। जी टी यू के नेताओं ने पंजाब के शिक्षा मंत्री से भी मांग की है कि किसी भी तरह की रेशनेलाइजेशन से पहले संयुक्त अध्यापक मोर्चा पंजाब के साथ एक पैनल बैठक की जानी चाहिए और संगठनों से सुझाव लेकर पूरी तरह से सही दृष्टिकोण के साथ चर्चा की जानी चाहिए, अन्यथा प्राथमिक शिक्षा की नींव को नष्ट करने की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा और डटकर मुकाबला किया जाएगा।
इस अवसर पर अन्यों के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर सिंह, उपाध्यक्ष प्रितपाल सिंह चौटाला, प्रिंस गढ़दीवाला, अरविंदर सिंह माहिलपुर, प्रिंसिपल हरजीत सिंह, हेडमास्टर संदीप सिंह, बलजीत कौशल, लेक्चरर हरविंदर सिंह, नरेश कुमार गढ़शंकर, सुनील कुमार शर्मा, संजीव धूत, गुरनाम सिंह, रजत महाजन, सचिन कुमार, शाम सुंदर कपूर, नरेंद्र अजनोहा, केशव दास खेपड़, सतविंदर माहिलपुर, सतीश कुमार, राज कुमार, संदीप शर्मा बागपुर, रणवीर सिंह, अनुपम रतन, लेक्चरर उपिंदरजीत सिंह, सरबजीत टांडा, नरिंदर मंगल, राजेश अरोड़ा, मंजीत सिंह मुकेरियां, प्रिंसिपल बलवीर सिंह, शशिकांत तलवाड़ा, कमलदीप सिंह भुंगा, लेक्चरर संजीव कुमार, बलजीत कौशल, पवन गोयल, अशोक कुमार बुलोवाल, मनोज रतन, खुशवंत सिंह मुकेरियां, जसविंदर बुलोवाल, जरनैल सिंह, मनवीर सिंह, अमनदीप सिंह, लेक्चरर हरजीत सिंह, राजीव सभरवाल, सुशील डडवाल, लेक्चरर स्वर्ण सिंह, जसवंत सिंह मुकेरियां, परसराम, नरेश कुमार मेढ़ा, अमरजीत हाजीपुर, गुरविंदर जज और सुरिंदर कुमार कमाही देवी, नरेश कुमार आदि मौजूद थे।