होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): भारत के चंद्र मिशन की सफलता से बौखलाए चीन ने एक विवादित नक्शा जारी करके दुनिया को दिखाने का प्रयास किया है कि उससे भारत की तरक्की देखी नहीं जाती। उक्त बात पूर्व सांसद तथा डिफेंस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कमल चौधरी ने जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश तथा अक्साई चिन को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखने वाला एक नया नक्शा जारी किया।
जिस पर भारत अपना कड़ा विरोध दर्ज करवा दिया है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से ही भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। मानचित्र में चीन ने भारत के जिस क्षेत्र पर अपना दावा किया है उसको भारत पूरी तरह से खारिज करता है। ऐसे कदम सीमा मुद्दे के समाधान को सुलझाने के प्रयासों में रोड़ा अटकाते हैं। उन्होंने कहा कि चीन इस तरह की हरकतें पहले भी करता रहा है।
दुर्भाग्य से चीन का यह कदम तब सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीन के शी जिनपिंग ने दक्षिण अफ्रीका में शिखर सम्मेलन में मुलाकात की थी तथा भारत चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत की चिताओं से प्रधानमंत्री ने उन्हें अवगत करवाया था। उन्होंने कहा कि चीन को एक बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए कि भारत अब एक महाशक्ति बन चुका है तथा उसकी ताकत का लोहा अमेरिका और रूस जैसे देश भी मानने लगे हैं। ऐसे में चीन को भारत को उकसाने की कार्रवाइयों से दूर रहना चाहिए।