कंप्यूटर इंजीनियर से पुलिस इंस्पैक्टर बने राजेश अरोड़ा से विशेष बातचीत

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: समीर सैनी। बी.टैक इन कम्प्यूटर साइंस में करने उपरांत पुलिस में भर्ती होने का ख्वाब मन में लिए दिन रात इसके लिए मेहनत की और माता-पिता के आशीर्वाद से वह पुलिस में भर्ती होने में कामयाब हुए। 2001 में ए.एस.आई. भर्ती होकर आज सबइंस्पैक्टर के तौर पर थाना सदर होशियारपुर में तैनात राजेश अरोड़ा से हमारे संवाददाता समीर सैनी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंश:-

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-आपने बी.टैक कहां से की और इस उपरांत कहां जॉब की?

राजेश अरोड़ा: मैंने बी.टैक अंबेदकर कालेज जालंधर से की और इसके बाद रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बतौर इंजीनियर जॉब ज्वाइन की।

-पुलिस में आने का ख्याल आपके मन में कैसे आया?

राजेश अरोड़ा: मेरा बचपन से ही ख्वाब और लक्ष्य रहा था कि मैं खुद को पुलिस की वर्दी में देखना चाहता था। इसके लिए उन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत की और सात माह रेल कोच फैक्ट्री में काम करने दौरान ही पुलिस भर्ती के लिए ए.एस.आई. का टैस्ट दिया व माता-पिता के आशीर्वाद से परीक्षा पास की। 2001 में भर्ती होकर एक वर्ष की ट्रेनिंग के बाद पहला चार्ज बठिंडा में लिया।

-बतौर ए.एस.आई. किस प्रकार का अनुभव रहा?

राजेश अरोड़ा: बतौर ए.एस.आई. मेरा अनुभव बहुत ही प्रयोगात्मक रहा। मैंने अपने सीनियर्स के दिशानिर्देशों पर काम करते हुए बहुत कुछ सीखा और आज भी सीख रहा हूं।

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-आप सब इंस्पैक्टर कब प्रोमट हुए?

राजेश अरोड़ा: जून 2013 में उन्हें विभाग की तरफ से बतौर सबइंस्पैक्टर प्रमोट किया गया। इस दौरान उन्हें काम करने के और बेहतर मौके मिले तथा समाज व विभाग के प्रति जिम्मेदारी को और भी गहराई से समझा।

-थाना सदर के तहत पड़ते इलाके में गैंगस्टरों एवं नशा तस्करों पर किस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है?

राजेश अरोड़ा: एस.एस.पी. जे. इलनचेलियन के दिशानिर्देशों एवं आदेश पर गैंगस्टरों एवं नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और इनके खिलाफ पूरी सख्ती बतरी जा रही है। हमारे इलाके में गैंगस्टरों के मामले में शांति तथा नशा तस्करों की रोकथाम के लिए जनता के सहयोग से पूरी सतर्कता के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है ताकि समाज के दुश्मनों को सलाखों के पीछे धकेला जा सके।

-जैसा कि आम सुनने को मिलता है कि नशा तस्करी में लिप्त लोगों के सैल व पहुंच होती है, तो इस चैलेंज को किस प्रकार लेते हैं?

राजेश अरोड़ा: पुलिस की नौकरी खुद में एक चैलेंज है। मगर, हमारे एस.एस.पी. साहिब के सख्त आदेश हैं कि नशा तस्करों के साथ किसी भी तरह की नरमी न बरती जाए। अगर कार्रवाई में कोई परेशानी हो तो उनके ध्यान में लाया जाए। इसलिए नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस पूरी तरह से सख्त है और भविष्य में भी इनके खिलाफ इसी प्रकार कड़ी कार्रवाई की जाती रहेगी। मौजूदा समय में नशा तस्करों के खिलाफ राजनीतिक प्रैशर भी नहीं है।

-आम उदाहरण है कि थाने में आम लोगों की सुनवाई नहीं होती तो आपके अंडर थाना सदर में क्या हाल है व आप खुद व मुलाजिम ड्यूटी के कितने पाबंद हैं?

राजेश अरोड़ा: हम जनता के सेवक हैं और थाने में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की बात सुनी व उसका हल करवाया जाता है। अगर किसी को कोई समस्या पेश आए तो वह सीधे तौर पर उनसे आकर मिल सकता है। मेरी यह इच्छा रहती है कि वह ड्यूटी के प्रति कभी कौताही न बरतें और उनका स्टाफ भी पूरी तरह से ड्यूटी को प्राथमिकता देता है, क्योंकि जनता के सेवक होने के नाते वह 24 घंटे जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं।

-आम जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे?

राजेश अरोड़ा: पुलिस की कार्रवाई जनता के सहयोग पर बहुत निर्भर करती है। इसलिए अगर जनता अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए नशा तस्करों और अन्य प्रकार के असामाजिक तत्वों के खिलाफ खड़ी हो जाए तो स्वच्छ एवं सुन्दर समाज की संरचना का सपना साकार कर सकता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वह सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए आगे आने के साथ-साथ पढ़ाई लिखाई एवं खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपना व्यक्तित्व निखारें और अपनी सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग देश सेवा में करें।

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