मेगा पीटीएम को अभिभावकों से मिला भरपूर समर्थन, 20 लाख से अधिक अभिभावक हुए शामिल

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री पंजाब स. भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों को मेगा पी.टी.एम. में शामिल होने सम्बन्धी दिए गए बुलावे को रिकॉर्ड तोड़ स्वीकृति मिली है। राज्य के 19109 प्राईमरी और अपर प्राईमरी स्कूलों में आज सुबह 10 बजे से पहले ही विद्यार्थियों के माता-पिता आने शुरू हो गए थे।  मेगा पी.टी.एम. के मौके पर स्कूलों को विशेष रूप से सजाया गया था और सैल्फी प्वाइंट भी तैयार किये गए थे, जहाँ विद्यार्थियों और उनके माता-पिता द्वारा बड़ी संख्या में तस्वीरें खिंचवाई गईं। पी.टी.एम. के दौरान जहाँ विद्यार्थियों के माता-पिता ने अपने बच्चों की स्कूल की कारगुज़ारी पर संतुष्टि प्रकट की वहीं साथ ही पंजाब सरकार द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की गई।  

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आज की अभिभावक-अध्यापक मिलनी में 20 लाख से अधिक अभिभावक शामिल हुए। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि सुबह 10:00 बजे के बाद दोपहर 3:30 बजे तक चली अभिभावक-अध्यापक मिलनी के दौरान सरकारी स्कूलों को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी प्राप्त हुए हैं। जिन पर जल्द विचार किया जायेगा। इस मौके पर अध्यापकों ने माता-पिता के साथ मिशन समर्थ, मिशन 100 फीसदी , विद्यार्थियों की स्कूल में हाजिऱी और नये दाखि़लों संबंधी भी जानकारी साझा की।  अभिभावकों ने पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई बिजनेस ब्लास्टर स्कीम, कैंपस मैनेजर और सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती के लिए भगवंत सिंह मान सरकार का धन्यवाद भी किया गया।

मेगा पी.टी.एम. के मौके पर आज स्कूलों को बहुत ख़ूबसूरत ढंग से सजाया गया था। इसके अलावा स्कूलों के एन.सी.सी. विंग के कैडिट्स भी अपनी ख़ूबसूरती वर्दियों में सजकर आए हुए अभिभावकों का स्वागत कर रहे थे। स्कूल में विद्यार्थियों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए अपनी तरफ से तैयार वस्तुओं की भी प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसको अभिभावकों ने बहुत ध्यान से देखा।  कई स्कूलों में विद्यार्थियों ने बैंड पर शानदार धुनें बजाकर अध्यापकों और अभिभावकों का मनोरंजन भी किया। अभिभावकों द्वारा स्कूल में लगाए गए पुस्तकालय की पुस्तकों के प्रदर्शन को भी बहुत सराहा गया और अध्यापकों को बताया कि उनके बच्चों में स्कूल की किताबों के अलावा सामान्य ज्ञान और साहित्य की किताबों के प्रति लगाव पैदा हुआ, जिसके लिए वह अध्यापकों के शुक्रगुजार है। 

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