होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर होशियारपुर में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री गुरू आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री मीमांसा भारती जी ने विचार देते हुए कहा कि शहादत का भाव है- सच्ची गवाही। साध्वी जी ने बताया कि पंजाब की पावन धरा को शहीदों ने अपने खून से सींचा है। इस पावन सरजमीं में से पैदा हुए अन्न में भी उन महान शहीदों के बहे खून की खुशबु आती है। इस धरती ने ऐसे सूरवीर पैदा किए जो अपनी सबसे प्यारी चीज जान को तली पर रख के अपने इष्ट के दरशाए मार्ग पर इस प्रकार चले कि जान देते समय कोई आना-कानी नहीं की।
कुर्बानी के इस मार्ग पर चलते इन सुरवीरों को कई प्रकार के लालच भी दिए गए पर फिर भी उन्होने अपना हौसला नहीं छोडा। धर्म के मार्ग पर चलने वाले वीरों की कु र्बानी इस बात की गवाही देती है कि जब कोई सूरमा अपने जीवन को एक उदे्श्य देकर चलता है तो उस समय उसकी दृढ़ शक्ति, हौसला एवं सहनशीलता के समक्ष दुनिया की कोई भी ताकत टिक नहीं सकती। साध्वी जी ने कहा कि देश, कौम एवं धर्म की खातिर हँसते हँसते अपनी जिन्दगी को कुर्बान करने वाले महान शहीदों में से अहम शहादत दशम पातशाह के साहिबजादों की है।
हमारे इतिहास ने कभी भी इतनी छोटी उम्र के बच्चों की शहादत का अभी तक कोई उदाहरण नहीं दिया। जिन्होने मौत के डर एवं जिन्दगी के सुखों को त्याग कर दृढ़ता से जुलम के खिलाफ आवाज उठाई। साहिबजादों की निर्भयता, दृढ़ता और स्पष्टवादी आवाज में वह करामात थी कि जिसने जालम हकूमत की नींव तक को हिला कर रख दिया। साध्वी जी ने कहा कि उनका जीवन भले ही छोटा था परन्तु वह देश और धर्म के लिए काम आया। छोटे साहिबजादों की शहादत हमारे लिए प्रेरणा का आलौकिक स्रोत्र है कि हम भी उन छोटे साहिबजादों द्वारा बताए त्याग के मार्ग पर चल कर अपना जीवन सफल करें l