मोदी सरकार का यह बजट लोगों को भ्रष्टाचार की एक और बड़ी देन

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। विधायक चब्बेवाल डा. राज कुमार ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए बजट को भ्रष्टाचार का झांसा बजट करार देते हुए उसकी बड़ी कमियों को उभारा। उन्होंने कहा कि इस बजट में भारत के बहुत खास हिस्से महिलाओं व बच्चों के विकास के लिए कोई खास स्कीमे नहीं बनाई गई। यह बजट सिर्फ नंबरों में बढ़ा दिख रहा है पर असल में यह बहुत खोखला है। इसकी एज वजह है कि स्कीमे बढ़ा-चढ़ा कर बताई गई है, उको पूरा करने के लिए फंड किसी तरह जनरेंट नहीं किए जाएगे।

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इसकी कोई प्लानिंग नहीं की गई है। लोक भलाई, किसानी संबंधी, शिक्षा क्षेत्र यहां तक कि सबसे बढ़ा-चढ़ा कर बताई जाने वाली हैल्थ इंशोरैंस स्कीम आदि के लिए कोई नीति नहीं बनाई या बताई गई है, पर अब कहा जा रहा है कि उन्होंने स्कीमों का 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारों को उठाना होगा। राज्य सरकारे यह किसी तरह कर सकेंगी इस पर जेटली साहिब ने कोई विचार सांझे नहीं किए। पिछले कई वर्षों में 30 हजार से एक लाख और अब पांच लाख बीमे की बात जरुर करते है, पर अंकड़े कहते है कि पिछले 26.17 करोड़ लोगों में 21.44 करोड़ के तो अभी तक बीमा कार्ड भी नहीं बने। लांग टरम कैपीटल रेल टैक्स का प्रभाव शेयर बाजार पर साफ दिख रहा है जिसको श्री राहुल गांधी जी ने बजट बेभरोसगी मत्ता करार दिया है।

भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों कारण भारत की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा रही है। पैट्रोल, डीजल, गैस की कीमते असमान छू रही है, पिछले वर्ष का वित्ती पाटा 12.6 प्रतिशत कैसे पूरा होगा। इस बारे एक शब्द नहीं है। इस बजट में बड़े उद्योगपतियों के अलावा हर वर्घ की अनदेखी की गई है। हैल्थ इंशोरैंस का भी फायदा बड़े प्राईवेट अस्पतालों को ही मिलेगा, क्या इसकी बजाए वह पैसा सरकारी अस्पतालों का स्तर उठाने के लिए नहीं खर्चने चाहिए जिससे गरीबों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सहूलियतें मुफ्त मिल सके।

किसानों के समय भारतीय जनता को ऐसे जमला बजट की नहीं बल्कि ऐसे बजट की जरुरत है कि उनको गरीबी व महंगाई से निजात दिला सके ना कि मध्य वर्ग पर टैक्सों का भार बढ़ाकर उनकी माली हालत और कमजोर करे।

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