होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। गुरु शिष्य परिवार की ओर से देवी मां नवरात्रों के उपलक्ष्य में करवाई जा रही दिव्य श्री देवीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन की विधीवत शुरूआत मुख्य यजमान दविंदर मोहन शर्मा एवं उनकी धर्म पत्नि नीलम शर्मा द्वारा पूजन अर्चना के बाद की गई। विश्व विख्यात धर्माचार्य दीनदयालू पाण्डेय जी ने कथा को आगे बढ़ाते हुए ध्यानू भक्त की कथा का प्रसंग सुनाया। ध्यानू भक्त मां के रंग में रंगा हुआ, मां के जैकारे लगाता हुआ, अपनी मस्ती में जा रहा है। उसे राजा अकबर ने रोक कर पूछा कि कहां जा रहे हो और इतने मस्त कैसे हो। ध्यानू ने कहा कि वो मां के दरबार में ज्वाला जी के जा रहा है।
क्योंकि उसके पास मां को चढ़ाने के लिए कुछ नहीं होता तो वो अपना सिर ही काट कर मां के चरणों में चढ़ा देता है। परंतु मां है कि उसका सिर पुन: जोड़ देती है। अकबर ने कहा कि यदि वो अपने घोड़े का सिर मां को चढ़ा दे तो क्या मां उसे पुन: जीवित कर सकती है। यदि घोड़ा पुन: जीवत हुआ तो वो पैदल मां के दरबार में सोने का छतर चढ़ाएगा और यदि ऐसा न हुआ तो फिर ध्यानू को मरने के लिए तैयार रहना होगा। तयशुदा समय पर घोड़े को मां के दरबार में लाया गया।
सिर काटा गया, पर मां के चमत्कार से घोड़ा फिर जीवित हो जाता है। अकबर छतर चढ़ाने लगा तो वही छतर सोने का न रहकर धातू में बदल जाता है। दीन दयालूओं ने कहा कि हम सभी मां के दोहते पोते हैं, इस लिए नि:संदेह मां हमें प्यार करती है। इस अवसर पर डा. मोहित, राकेश शर्मा, रवि शर्मा, दीक्षित, राजेंद्र शर्मा डी.एस.पी., एडवोकेट रोहित, रीचा, प्रियंका, सोनिया, शशी, रेनू, प्रोमिला, नीलम व अन्य मौजूद थे।