अवैध माइनिंग: होशियारपुर में धरती का चीरहरण जारी, नहीं खुल रही माइनिंग अधिकारियों की नींद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट (संदीप डोगरा/समीर सैनी)। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही अवैध माइनिंग का दृश्य जब खुद मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने देखा तो उन्होंने तुरंत इस पर सख्ती के साथ रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे। उस दौरान अधिकारियों ने आनन-फानन में निर्देशों का पालन करते हुए खड्डों में पहुंच कर निरीक्षण किया और कुछेक पर मामले भी दर्ज कर डाले। मगर जैसे-जैसे सी.एम. के निर्देशों के तपश ठंडी पड़ती गई वैसे-वैसे ही अधिकारी वर्ग चैन की नींद सो गया तथा अधिकारियों की ढील से अवैध माइनिंग में लगे लोगों के हौंसले और बुलंद हो गए। जिसके चलते माइनिंग अधिकारियों की कार्रवाई सवालों के घेरे में है।

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“द स्टैलर न्यूज़” टीम द्वारा होशियारपुर के बस्सी गुलाम हुसैन इलाके का बुधवार 21 मार्च को दौरा किया गया। इस दौरान चो के भीतर धरती का सीना चीर कर धड़ल्ले से हो रही अवैध माइनिंग की जो तस्वीर सामने आई उसे देखकर एक बार को दिल बैठ गया। सी.एम. के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए और अधिकारियों की नींद का लाभ लेते हुए कथित मिलीभगत करके चल रहे इस खेल से जहां धरती का सीना तार-तार हो रहा है वहीं पर्यावपण से भी खिलवाड़ चल रहा है।

आसपास के गांवों के लोगों ने बताया कि इस खड्ड में लंबे समय से नियमों के विपरीत माइनिंग चल रहा है तथा पूरी रात मशीनें खड्ड से मिट्टी खोदती रहती हैं। जिसके चलते उनका घरों से निकलना दूभर बना हुआ है। भारी वाहनों के चलते हर समय हादसों का खतरा बना रहता है। लोगों ने बताया कि अगर किसी अधिकारी को इसकी शिकायत दी भी जाती है तो न जाने इसकी भनक अवैध माइनिंग में लगे लोगों को कैसे लग जाती है तथा वे लोगों को धमकाने से भी परहेज नहीं करते। कथित तौर से मिलीभगत के इस धंधे की उच्च स्तरीय जांच होनी चहिए।

प्राप्त जानकारी अनुसार नियमानुसार खड्ड से सायं 5 बजे तक ही माइनिंग की जा सकती है तथा 10 फुट तक ही जमीन खोदी जा सकती है। परन्तु नियमों के विपरीत खड्ड से 50-100 फुट तक गड्ढे डालकर मिट्टी निकालने का काम निर्विघ्न जारी है और इस काम में भारी भरकम मशीनरी का होना संकेत करता है कि कहीं न कहीं कथित मिलीभगत तो है ही?

धड़ल्ले से चले रही माइनिंग से जिस कारण आसपास के गांवों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। खड्ड में पड़े बड़े-बड़े गड्ढो अधिकारियों के निरीक्षण और कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाने के लिए काफी हैं। आलम यह है कि दिन रात माइनिंग में लगी मशीनरी और धड़ल्ले से चल रहे इस कार्य को गंभीरता से रोकना तथा इस पर नकेल डालना जरुरी नहीं समझा जा रहा।

 

दूसरी तरफ अगर किसी अधिकारी के ध्यान में यह बात लाई भी जाए तो या तो वह रटा रटाया जवाब देता है या फिर बात को गंभीरता से सुनना भी जरुरी नहीं समझता। जिस कारण लोगों का सरकारी तंत्र से विश्वास उठना स्वभाविक सी ही बात है।

हमारे संवाददाता द्वारा यह गंभीर मामला जब माइनिंग अधिकारी इकबाल सिंह के ध्यानार्थ लाया गया तो उन्होंने नियम तो बताए, मगर इससे पहले कि उनसे कार्रवाई संबंधी बात की जाती, उन्होंने फोन काट दिया।

इस संबंधी बात करने पर तहसीलदार अरविंद प्रकाश वर्मा ने बताया कि यह मामला अभी उनके ध्यान में आया है तथा यह बहुत ही गंभीर है। उन्होंने बताया कि नियमों के विपरीत माइनिंग के इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी तथा वे इस संबधी मामले को एस.डी.एम. एवं जिलाधीश के ध्यानार्थ लाएंगे ताकि इसे रोकने हेतु उनके निर्देशों पर ठोस कार्रवाई को अमल में लाया जा सके।

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