इमाम मौलाना इमदादुल राशिदी को नोबल पुरस्कार देने संबंधी भारत सरकार करे सिफारिश : डा. बग्गा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सामाजिक जागरुकता हेतु कार्यरत संस्था सवेरा ने पश्चिमी बंगाल के आसनसोल में मस्जिद के इमाम मौलाना इमदादुल राशिदी को शांति के लिए नोबल पुरस्कार देने की मांग के साथ-साथ भारत सरकार से भी उन्हें शांति पुरस्कार दिए जाने की मांग की है।
आज जहां सवेरा की तरफ से श्री राम भवन चांद नगर बहादुरपुर में मौलाना के 16 वर्षिय सुपुत्र सिद्धतुल्ला राशिदी को श्रद्धाजलि अर्पित करने हेतु प्राथना सभा का आयोजन किया गया। इसमें सवेरा के संयोजक डा. अजय बग्गा व अन्य पदाधिकारियों हरीश सैनी, डा. सरदूल सिंह, श्रीमति कुमकुम सूद, श्रीमति सुखविंदर ढिल्लों, रिटायर्ड बैंक मैनेजर एस.पी. दीवान, टी.आर. वर्मा एवं शिवानी बहन ने अपने विचार प्रगट करते हुए सिद्धतुल्ला राशिदी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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सवेरा में भारत के राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोबिंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बैनर्जी एवं पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरिंदर सिंह से अनुरोध किया कि वे सभी संयुक्त रुप से मौलाना रशिदी को शांति के लिए नोबल पुरस्कार दिए जाने संबंधी नोबल पुरस्कार कमेटी से सिफारिश करें।
इस अवसर पर डा. अजय बग्गा ने कहा कि मौलाना इमदादुल रशिदी ने अपने सुपुत्र की मृत्यु के उपरांत आसनसोल में शांति बनाए रखने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। 16 वर्षिय बेटे की मृत्यु के बाद एकत्रित गुस्साई भीड़ को संबोधित करते हुए मौलाना का यह कहना कि अगर किसी एक भी व्यक्ति को आ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो वह मस्जिद व आसनसोल को सदा के लिए छोडकऱ चले जाएंगे। उनके इन कथनों ने शांति बनाए रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
डा. बग्गा ने यह भी कहा कि इमाम मौलाना इमदादुल राशिदी ने अपने सुपुत्र की मृत्यु पर शांति व सपरदायक बनाए रखने की जो भूमिका अदा की उसकी उदाहरण मिलना कठिन है।

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