कैप्टन ने कृषि विविधता को उत्साहित करने हेतु नीदरलैंडज़ के साथ पक्षों पर किया विचार

चंडीगड,(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज राज्य में कृषि विविधता को उत्साहित करने के लिए भारत में नीदरलैंडज़ के राजदूत के साथ कई पक्षों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री और राजदूत अलफोनसस स्टोलिंगा के नेतृत्व में आए शिष्ठमंडल के साथ दोपहर के खाने पर हुई मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि डेयरी, पशु पालन और फूलों की खेती सहित मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा की गई जिनमें दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग के लिए सहमति बनाने के साथ-साथ सूअर और बकरी पालन के पेशे को उत्साहित करने के लिए भी सहमति ज़ाहिर की।

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मुख्यमंत्री ने दुधारू पशूयों के दूध की पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ पशु धन में सुधार लाने के लिए नीदरलैंडज़ से भ्रूण प्रौद्यौगिकी के आदान -प्रदान और गर्भदान के लिए बढिय़ा नस्ल के पशुओं के वीर्य की स्पलाई करने की माँग की। उन्होंने डच्च की दूध प्रोसेस करने वाली अग्रणी कंपनियों द्वारा अपने यूनिट स्थापित करने का भी सुझाव दिया जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने डच्च अम्बैसी के साथ तालमेल के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास को नोडल अफ़सर बनाया जिनके द्वारा मीटिंग के दौरान विचारे गए मुद्दों पर व्यापक कार्य योजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नीदरलैंडज़ के दूतावास के एक प्रतिनिधि सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव पशु धन और अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास पर आधारित माहिरों का ग्रुप गठित करने का सुझाव दिया जिससे इन प्रस्तावों पर अगली कार्यवाही को सुचारू रूप से पूर्ण किया जा सके।

इस प्रस्तावित ग्रुप फ़सलीय विविधता को अमल में लाने के लिए रूप-रेखा बनाने के लिए अपने सुझाव देने के अलावा नीदरलैंडज़ द्वारा मौजूदा समय में अपनाए जा रहे अमलों की जाँच करके वैज्ञानिक ढंग से पराळी का निपटारा करने या जैविक अवशेष को समेटने संबंधी टिकाऊ प्रौद्यौगिकी बारे भी सिफ़ारिश देगा। स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाले आलू में अधिक मात्रा में मिठास होने पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने राजदूत को आलू की पैदावार में सुधार लाने के लिए शोधकर्ताओं और प्रसिद्ध आलू उत्पादकों के साथ हिस्सेदारी की संभावना तलाशने के लिए कहा। नीदरलैंडज़ के राजदूत ने मुख्यमंत्री को फ़सलीय विविधता को उत्साहित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में पूरी मदद और सहयोग करने का भरोसा दिया।

उन्होंने मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया कि डच्च कंपनी रोइल डे ह्युूज़ द्वारा पशुओं की खुराक तैयार करने के लिए अपना यूनिट पहले ही राजपुरा में स्थापित किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और राज्य के दूसरे हिस्सों में इसका विस्तार करने के लिए रियायतें देने की अपील की। मुख्यमंत्री ने शिष्ठमंडल को भरोसा दिलाया कि अमृतसर और मोहाली के अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डों से नीदरलैंडज़ के लिए माल की ढुलाई के लिए विशेष उड़ानें शुरू करने का मामला वह निजी तौर पर उठाएंगे जिससे फूलों, फलों, सब्जियों और दूध से तैयार वस्तुओं में द्विपक्षीय कारोबार को उत्साहित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने उनके पिता स्वर्गीय महाराजा यादविंद्रा सिंह द्वारा वर्ष 1974 में नीदरलैंडज़ में भारतीय राजदूत के तौर पर सेवाएं निभाने के समय इस देश के साथ जुड़ी पुरानी यादों को याद करते हुए कहा कि इसी कारण वह देश की भौगोलिक स्थिति और जलवायु संबंधी परिचित होने के साथ-साथ वहां की जी.डी.पी. में डेयरी, फूलों की खेती और बाग़बानी के अहम योगदान से भी अच्छी तरह परिचित हैं।

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुए कहा कि राज्य के कृषि विभाग ने डच्च सरकार के सहयोग से जालंधर में सब्जियों का उच्च दर्जे का केंद्र स्थापित किया है जबकि दोराहा (लुधियाना) में फूलों की खेती संबंधी ऐसा ही केंद्र स्थापित किया जा रहा है। मीटिंग में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त प्रमुख सचिव विकास विश्वजीत खन्ना, अतिरिक्त प्रमुख सचिव पशु पालन जी. वजृालिंगम और पंजाब राज्य किसान आयोग के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ उपस्थित थे। शिष्ठमंडल में कृषि काऊंसलर वाउटर वरहे तथा भारत और श्रीलंका के कृषि, प्रकृति और भोजन के मानक संबंधी डिप्टी काऊंसलर आनंद क्रिशनन शामिल थे।

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