16 साल पुराने चिटों पर भर्ती मामले में आईएसअधिकारी रहे एसएम कटवाल गिरफ़्तार

हमीरपुर । रिपोर्ट: Rajneesh sharma :16 साल पहले तत्कालीन अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड में हुए भर्ती घोटाले मामले में कोर्ट से सजा के बावजूद भूमिगत रहे पूर्व चेयरमैन एसएम कटवाल की गिरफ्तारी आज मंगलवार को हो गयी है । इन्हें विजिलेंस की टीम ने ऊना में गिरफ़्तार किया । वह ज़िला कोषागार में पेन्शन के ज़रूरी काग़ज़ जमा करवाने ऊना आए थे । गुप्त सूचना पर विजिलेंस की टीम ने उन्हें गिरफ़्तार किया और हमीरपुर कोर्ट में ले आए । अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायधीश अजय मेहता की अदालत में कटवाल को पेश करने के बाद इन्हें एक साल का जेल वारंट बनाकर कंडा जेल भेजने के आदेश दिए गये। फ़िलहाल मंगलवार की रात वह हमीरपुर जेल में काटेंगे । इससे पहले कटवाल कोर्ट से बार बार मोहल्लत मिलने के बाद भी आत्मसमर्पण नहीं कर रहे थे । क़ाबिलेग़ौर है कि दोषी कटवाल सुप्रीम कोर्ट से याचिका ख़ारिज होने के बाद कहां थे किसी भी एजेंसी को पता नहीं लग रहा था । कटवाल क्यों सरेंडर नहीं कर रहे हैं, इस पर भी राज बना हुआ था। उनकी गिरफ़्तारी के बाद अब सारे राज एक एक कर खुलेंगे । हमीरपुर कोर्ट ने बार बार इन्हें सरेंडर करने का समय दिया लेकिन वह जानबूझ कर भूमिगत होकर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते रहे ।

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-चिटों पर भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखी थी एक साल की सज़ा – सज़ा के बाद भूमिगत होकर गिरफ़्तारी से बचते रहे – विजिलेंस टीम ने ऊना से किया गिरफ़्तार – हमीरपुर कोर्ट में किया पेश, एक साल का जेल वारंट बना भेजा कंडा जेल 

क्या था मामला
चिटों पर भर्ती का मामला 2001-02 का है। वर्ष 2004 में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। सेशन कोर्ट हमीरपुर ने चार लोगों को दोषी करार देते हुए एक-एक साल की सजा उन्हें सुनाई थी। जिसकी आगे अपील की गई, पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को ही बरकरार रखा और अपील को खारिज कर दिया था।

दो आरोपी पहले ही कर चुके सरेंडर
ऊना के मदन गोपाल और चंबा के राकेश को आत्मसमर्पण के बाद पहले ही जेल भेज दिया गया। इसी मामले में बोर्ड के तत्कालीन पूर्व मेंबर विद्यानाथ को भी सरेंडर के बाद जेल भेज दिया गया। सिर्फ कटवाल ही गिरफ्तारी से अबतक बचे हुए थे। कोर्ट से लगातार उन्न्हें वारंट जारी होते रहे लेकिन वह कोर्ट में सरेंडर करने नहीं आ रहे थे । कोर्ट ने इन्हें उन्हें भगौड़ा भी घोषित कर दिया । तीन आरोपियों की तो सजा आधी पूरी होने को है, पर कटवाल का कोई सुराग नहीं लग रहा था ।
विजिलेंस की टीम ने उनके ऊना स्थित घर और दूसरी जगह पर तलाश को लेकर लगातार छापेमारी भी की थी, तब भी कटवाल नहीं मिले थे।

राज्य पाल के पास है दायर मर्सी पेटिसन
एसएम कटवाल के वक़ील नवीन पटियाल ने बताया कि स्वास्थ्य एवं उम्र को देखते हुए सज़ा कम करने के लिए आईएसअअधिकारी रहे एसएम कटवाल की मर्सी पेटिसन राज्यपाल के पास दायर है ।

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