होशियारपुर/हरियाना(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन हरियाना में मुखी महात्मा डा. रत्न सिंह के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू विशेष तौर पर पहुंचे, उनके साथ महात्मा राजिंदर कुमार व उपदेश कुमार थे। महात्मा अजमेर सिंह संधू ने संबोधित करते हुए कहा कि इंसानी जीवन मनुष्य को चौरासी लाख योनियों के बाद मिला है। इंसान के जीवन का सबसे बड़ा दुख जन्म व मरण का दुख है।
इस जीवन का असली उद्देश्य इस प्रभु परमात्मा की जानकारी करना है जो सतगुरु की शरण में जाकर हो सकती है। उन्होंने सत्संग की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि जब गुरसिख सत्संग में आता है उसका ध्यान हमेशा निरंकार से जुुड़ जाता है। सभी समस्याओं का हल सत्संग में होता है।
संगत से जीवन में अच्छी रंगत आती है। सतगुरु के आदेशों को मानना बड़ा पुण्य है तथा ना मानना सबसे बड़ा पाप है। उन्होंने कहा कि संतों के मन में दया होती है, जब इंसान परमात्मा को जान लेता है तो वह किसी को दुख नहीं हो सकता। वह हमेशा ही सभी के भले की कामना करता है। सत्संग में आने से इंसान के मनों के सभी सवालों का जबाव मिल जाता है। माया रूपी धन जितना इंसान खर्च करता है कम होता चला जाता है लेकिन नाम रूपी धन कभी भी कम नहीं होता। जिसके पास यह नाम रूपी धन होता है वह दुनिया का सबसे बड़ा शहनशाह होता है। परमात्मा सभी के साथ है यह अहसास इंसान के मन में हमेशा रहे तो इंसान को कोई गलती नहीं कर सकता ।
उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के संदेशों के उल्लेख करते है कहा कि प्यार, विनम्रता, सहनशीलता व अन्य गुणों को जीवन में अपनाना ही उनका संदेश है। अंत में मुखी महात्मा डा. रत्न सिंह ने जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू जी का दुपट्टा पहना कर धन्यवाद किया। इस अवसर पर महात्मा गुरमीत सिंह, लेखराज, महात्मा राम प्रकाश, गुरमुख सिंह, सुरजीत कौर, वचित्र सिंह, शाम लाल, प्रवीन कुमार, हरजीत सिंह, कैप्टन बलविंदर सिंह आदि ने भी विचार पेश किए। सूबेदार बलदेव सिंह ने मंच सचिव की भूमिका अदा की।