एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक का सफर 26 कि.मी, विकास के लिए पंचायत का हो बंटवारा

हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। हमीरपुर जिले के टौणी देवी विकासखंड के तहत आने वाली ग्राम पंचायत चारियां दी धार की राहें अत्यंत दुर्गम हैं। यहां एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक सडक़ का सफर 26 कि.मी है। लोग खड्डों नालों के बीच से इसलिए पैदल नहीं चलना चाहते क्योंकि तेंदुए, सांप व अजगर आदि लोगों की जान के दुश्मन बने बैठे हैं। काबिलेगौर है कि भराईया दी धार, चारियां दी धार, लंबरा दी धार, रांगडेयां दी धार व पुरली वार्डों में बसी यह पंचायत दुर्गम एवं विकट भौगोलिक स्थिति होने के कारण सडक़ एवं पंचायत घर से महरूम है। पंचायत की आबादी करीब 1900 है जिनमें से 1384 वोटर हैं। दुर्गम पंचायत के ग्रामीण आज भी मुख्य सडक़ से 10 किलोमीटर से ज्यादा की चढ़ाई उबड़-खबड़ रास्तो से चढ़ कर गंतव्य तक पहुँचते हैं।

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लोग अपने जीवन की रोजमर्रा की आम जरूरतों को घर तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना तब करना पड़ता है जब किसी के परिवार मे कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है। ऐसी स्थिति मे स्थानीय लोगों को उस व्यक्ति या महिला को पीठ पर या फिर चारपाई पर उठा कर मुख्य सडक़ तक लाना पड़ता है। पंचायत के बीच एक सडक़ बनाने का काम लंबरा दी धार से शुरू हुआ लेकिन अदालती कार्रवाई में उलझकर रह गया है। उन्होंने बताया कि सडक़ सुविधा न होने व दुर्गम रास्ते होने के कारण पंचायत में स्लेटपोश मकान अधिक हैं। शिक्षा के नाम पर पुरली व चारियां दी धार में दो मिडल स्कूल हैं। स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक डिस्पेंसरी है लेकिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक पहुँचने के लिए लोग खतरनाक रास्ते पार कर डिस्पेंसरी तक पहुँचते हैं। पंचायत के अधिकतर युवा सेना में भर्ती है। कुछ युवा निजी क्षेत्र में रोजग़ार कमा रहे हैं। तेंदुए के डर से लोग भेड़ बकरी नहीं पाल सकते।

उधर बंदरो के आतंक से पंचायत के लोगों ने फसल बीजना बंद कर दिया है। लोगों की माँग है कि पुरली व चारियाँ दी धार पंचायत को अलग-अलग बना दिया जाए ताकि भौगोलिक दूरी कम हो सके। चारियाँ दी धार पंचायत के प्रधान विजयपाल का कहना है कि चारियाँ दी धार वार्ड से पुरली वार्ड तक का बस सफर 26 किमी है। पंचायत में विकास कार्य तो हुए हैं लेकिन अभी तक पंचायतघर का निर्माण नहीं हो पाया। विजयपाल का कहना है कि पंचायत में वार्डपंच, उपप्रधान एवं वर्तमान में प्रधान के पद पर रहते हुए उन्होंने पंचायत की समस्याओं को हल करने का भरसक प्रयास किया है। अगर पंचायत का बंटवारा हो जाए तो लोगों को भी फायदा होगा।

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