कै. मुनीष किशोर।
होशियारपुर। होशियारपुर में आज एक विवाहिता द्वारा की गई आत्महत्या कई सवाल खड़े कर गई है। भले ही यह एक पारिवारिक मामला हो, परन्तु इसके पीछे जुड़ी सामाजिक धारणा और बेटियों व बहुओं के प्रति संकीर्ण सोच तथा जनता को इंसाफ दिलाने वाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिंह लगा है।
इस मामले पर गौर किया जाए तो मृतका शिफाली के पारिवारिक सदस्यों के बताने अनुसार कि कुछ दिन पहले ससुरालियों ने शिफाली पर मिट्टी का तेल डालकर मारने का प्रयास किया था तथा इतना गंभीर मामला पुलिस के ध्यान में होते हुए भी इस पर योग्य कार्रवाई करना पुलिस द्वारा जरुरी नहीं समझा गया। सूत्रों से पता चला है कि शिफाली के सुरालियों की राजनीतिक पहुंच के चलते मामले में कार्रवाई नहीं हो पाई थी तथा पुलिस ऊपर से दवाब का बहाना बनाकर मामले को टालती रही। परन्तु इतने गंभीर मामले में पुलिस की उदासीनता और राजनीतिक पहुंच का गल्त प्रयोग एक युवती की जान का दुश्मन बन गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आज भी जब युवती की मौत हुई तो उस समय भी पुलिस को सूचना दिए जाने के बावजूद पुलिस करीब 2 घंटे देरी से पहुंची तथा कार्रवाई में आनाकानी करती दिखी। इस बात का पुलिस का पास कोई जवाब नहीं था कि मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शिफाली के ससुराल पक्ष से जुड़े एक पारिवारिक सदस्य की सत्तापक्ष से जुड़े एक बड़े नेता से नजदीकी शिफाली का मौत का कारण माना जा रहा है, कि अगर नेता जी ऐसे संवेदनशील मामलों में नेता जी अगर दखल न देते तो शायद आज शिफाली जिंदा होती। इतना ही नहीं सूत्रों से यह भी पता चला है कि इस मामले में सत्तापक्ष की शक्ति का प्रयोग करने वाला नेता भाजपा में बड़े पद की दौड़ में भी शामिल है। आज सिविल अस्पताल में शिफाली के पारिवारिक सदस्यों का हृदय विदारक रुदन वहां मौजूद लोगों की आंखें नम कर रहा था। मृतका जोकि एक बेटी व एक बेटे की मां भी थी के बच्चों ने जिंदगी में क्या देखा और उनके भविष्य का क्या किसी ने सोचा होगा, जो आज दो परिवार बिखराव की ओर बढ़े।
पुलिस की ढीली कार्रवाई और राजनीतिक पहुंच की भेंट चढ़ी ‘शिफाली’
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