नियमानुसार करवाया जा रहा कटान, विरोधी जान-बूझकर अटका रहे रोड़ा: सरपंच जसवंत सिंह

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। गांव चौहाल के जंगल में की जा रही खैर के पेड़ों की कटाई वन विभाग के नियमानुसार की जा रही है तथा पंचायत द्वारा बाकायदा तौर पर प्रस्ताव पारित करके व बोली करवाकर कटान करवाया जा रहा है। कटाई से मिलने वाला रुपया केवल गांव चौहाल ही नहीं बल्कि इसके तहत पड़ती दो और पंचायतों को भी आबादी के हिसाब से विकास कार्यों हेतु दिया जाएगा। जिससे चौहाल के साथ-साथ गांव न्यू कालोनी एवं मोहल्ला रामगढ़ के लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मगर गांव के ही कुछ विरोधी पक्ष के लोग जानबूझ कर इस मामले को राजनीतिक रंगत देकर काम को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं। जिन्हें उनके मनसूबों में कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि सभी गांव निवासी तीनों गांवों की पंचायतों के साथ हैं। उक्त बात गांव चौहाल के सरपंच जसवंत सिंह एवं न्यू कालोनी के सरपंच बलविंदर कुमार भट्टी ने प्रैसवार्ता में कही।

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कहा, चौहाल के साथ-साथ न्यू कालोनी और मोहल्ला रामगढ़ के विकास कार्यों पर खर्च होगा सारा पैसा

उन्होंने बताया कि 2014 में विभाग के नियमानुसार खैरों की कटाई की बोली करवाई गई थी, जोकि किन्हीं कारणों के चलते रद्द हो गई थी। इसके बाद मार्च 2016 में नियमानुसार बोली करवाई गई थी तथा यह बोली 1 करोड़ 20 लाख 50 हजार रुपये में गई थी। इसके बाद ठेकेदार ने इसका चौथा हिस्सा जोकि करीब 30 लाख रुपये बनता था को पंचायत के खाते में जमा करवा दिया था। परन्तु नैशनल ग्रीन ट्रब्यूनल ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी और ठेकेदार द्वारा माननीय अदालत में केस लगाया गया था। 2018 में केस का फैसला आया तथा अदालत ने कटाई की आज्ञा प्रदान की थी। परन्तु कटाई का सीजन न होने के चलते पिछले साल कटाई का कार्य शुरु नहीं हो पाया था। इसलिए विभागीय नियमानुसार अब कटाई शुरु करवाई गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि कटाई के लिए चिन्हित किए गए पेड़ों की संख्या 2563 थी व इनमें सूखे व हरे पेड़ शामिल थे। जिन पर बाकायदा तौर पर नंबर भी लगाए गए हैं। जिन पेड़ों की कटाई की जा रही है उनपर भी नंबर लगाए जा रहे हैं और वन विभाग के अधिकारी व कर्मियों की देखरेख में सारा कार्य करवाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ठेकेदार के पास 28 फरवरी तक कटान का परमिट है तथा ठेकेदार का काम पूरा न होने की सूरत में पंचायत द्वारा विभाग के परामर्श से उसे बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने बताया कि बोली हो जाने के पश्चात पंचायत का कार्य संपन्न हो जाता है और विभाग व ठेकेदार का काम होता है कि वे चिन्हित पेड़ काटे व कटवाए। फिर भी पंचायत अपनी देखरेख में काम करवा रही है कि कहीं संख्या से अधिक पेड़ों की कटाई न हो सके एवं खैर चोरी की घटना न हो सके। परन्तु गांव की भलाई के लिए करवाया जा रहा यह कार्य कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा और वे कोई न कोई बहाना बनाकर कार्य में रुकावट पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बी.डी.पी.ओ. द्वारा भी पंचायत से इस संबंधी स्पष्टिकरण मांगा गया था, जिसका जवाब उन्होंने लिखित तौर पर दिया है कि कटान नियमानुसार करवाया जा रहा है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गांव के विकास में किसी ने रोड़ा अटकाने का प्रयास किया या औछी राजनीति के तहत अपनी हरकतें बंद न की तो वे माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे। सरपंच जसवंत सिंह एवं बलविंदर कुमार भट्टी ने कहा कि तीनों गांवों की पंचायत की देखरेख में सारा कार्य हो रहा है तथा इस कार्य से गांवों का विकास जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही कैबिनेट मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा से भेंट करके मांग करेंगे कि गांवों के विकास में अड़चन बनने वालों पर नकेल कसने हेतु अधिकारियों को निर्देश जारी करें और कार्य निर्विघ्न पूरा हो सके इसके लिए योग्य कदम उठाएं।

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