होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी विभागों एवं बैंकों में ईमानदार कर्मियों के ही आज लोगों का विश्वास इन पर सुदृढ़ बना हुआ है। इसके लिए ईमानदार एवं कर्मठ कर्मचारी दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और देश को ऐसे ही कर्मियों की जरुरत है। इसके लिए इनका जितना भी धन्यवाद किया जाए कम है। यह शब्द होशियारपुर के मोहल्ला कृष्णा नगर निवासी एन.आर.आई. विजय कुमार बग्गा ने द होशियारपुर सैंट्रल कोआपरेटिव बैंक अधिकारियों एवं कर्मियों की ईमानदारी के लिए उनका आभार व्यक्त करने दौरान कहे। विजय बग्गा ने बताया कि वे यू.के. में रहते हैं तथा उनके पिता प्यारा लाल बग्गा कोआपरेटिव बैंक में इंस्पैक्टर के पद से पदमुक्त हुए थे।
करीब 3 साल पहले जब उनका निधन हुआ तो वे व उनका भाई बैंक में उनका लॉकर खोलने के लिए आए थे। उस दौरान उन्होंने लॉकर में जो सामान था वो निकाला और लॉकर सरंडर करने के लिए बैंक अधिकारियों को कहा था। उन्होंने बताया कि वे कुछ ही दिनों पर विदेश चले गए थे। अब जबकि वे तीन साल बाद वापिस आए तो बैंक द्वारा उन्हें संदेश भेजा गया कि आपका लॉकर चल रहा है और उसका रैंट ड्यू है। इस पर जब वे बैंक पहुंचे तो उन्हें पता चला कि बैंक ने लॉकर बंद नहीं किया था व वहां सील लगा दी थी। बैंक कर्मियों द्वारा जब लॉकर की सील तोड़ी गई तो वे जाने लगे, मगर बैंक मैनेजर दिनेश कुमार मित्तल ने लॉकर में कोई वस्तु पड़ा होने की आशंका व्यक्त की और उन्हें लॉकर चैक करने के लिए कहा। बैंक कर्मी ने जब बाजू डाला तो लॉकर में से एक बाक्स निकला जोकि उनके पिता ने रखा हुआ था। विजय बग्गा ने बताया कि उनके हिसाब से लॉकर खाली हो चुका था व वे यही सोच कर वापिस जाने लगे थे।
मगर बैंक अधिकारियों एवं कर्मियों की ईमानदारी देखकर वे उनके कायल हो गए। विजय बग्गा ने बताया कि अगर बैंक वाले चाहते तो वे लॉकर को खाली करके उसे किसी दूसरे ग्राहक को भी दे सकते थे, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया और हमारी अमानत हमारे हवाले की। इसके लिए उन्होंने बैंक मैनेजर दिनेश मित्तल एवं ब्रांच कर्मियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मैनेजर श्री मित्तल ने कहा कि ईमानदारी से कार्य करते हुए जो सकून एवं मन को शांति मिलती है वो अन्य किसी भी प्रकार से कार्य करके नहीं मिलती। बैंक ने हमें जो जिम्मेदारी सौंपी है वे व उनका सारा स्टाफ उसका निर्वाह मेहनत एवं ईमानदारी से कर रहे हैं। श्री बग्गा की अमानत उन्हें लौटाना हमारा कर्तव्य था, जिसका हमने निर्वाह किया। हमारा ग्राहक से रिश्ता मात्र खाताधारक का नहीं बल्कि पारिवारिक होता है। इसी सिद्धांत पर हम काम करते हैं। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय गज़ल गायक गुरदीप सिंह ने भी बैंक अधिकारियों एवं कर्मियों की ईमानदारी के लिए सराहना की।