दोआबा कॉलेज में द अवेकिंग टाल्कस कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न

जालंधर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: संजय कालिया। जालंधर शहर के दोआबा कॉलेज में द अवैक्रिंग टाल्कस कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक गुरु पवन जी द्वारा शुरू किए गए युवा अभ्योदय मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को नेतृत्व क्षमता के गुण बताए गए। इस दौरान नेतृत्व क्षमता बढ़ाने में आत्मबल, एकाग्रता और दृढ़ निश्चय किस प्रकार सहायता करता है, इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। दोआबा कॉलेज के खचाखच भरे ऑडीटोरियम में छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्री पवन ने कहा कि 2022 में जब देश में 67 प्रतिशत युवा होगा तब जरूरी है कि देश के युवा से आज के परिपेक्ष में खुल कर बात की जाए। ये युवा हमारे देश को आगे ले जाएंगे पर यदि ये युवा डिप्रेशन, नशे, प्रेम आकर्षण में फंसे रहे तो क्या देश को सही और अच्छे नेता, डॉक्टर, वैज्ञानिक, सैनिक, व्यवसायी, कलाकार, अध्यापक मिल पाएंगे।

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ऐसा कहते हुए उन्होंने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि हम सभी को अपने देश से प्रेम करने में, उसका प्रदर्शन करने में कभी झिझकना नहीं चाहिए। अपने देश से प्रेम करना कोई राजनैतिक बात नहीं, यह हमारे जीवन का हिस्सा है। छात्रों ने भी अपने ह्रदय की बात कहते हुए जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर भारतीय संस्कृति में रहकर, कर्तव्यों के पालन करने को देशभक्ति बताया। आज के समय मे आश्रम के महत्व को बताते हुए श्री पवन ने चमत्कार से परे रह कर ईश्वर को मानने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्या हम ईश्वर को मानने वाले हैं तो क्या हम जानते हैं कि राम को राम बनाने में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र की मुख्य भूमिका थी। कृष्ण ने भी सभी विद्याएं और विधाएं गुरु संदीपनी के आश्रम में ही सीखी थी। चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक चाणक्य के आश्रय में ही महान बने। भारत की शिक्षा पद्धति ऐसी है जिसमें व्यक्तित्व निर्माण की बजाय नौकरी कैसे मिले इस पर जोर दिया जाता है इसलिए आज छात्र केवल कंपीटिशन में फंसते जा रहे हैं। नशे पर बात करते हुए श्री गुरू पवन ने कहा कि शिव और नशे को लेकर युवाओं में ऐसी तस्वीरें जानबूझ कर फैलाई जा रही हैं ताकि वह इन सबसे प्रभावित हो कर नशों की तरफ अपना रूझान बढ़ाएं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से जानबूझ कर चलाया जा रहा है, जिसमे भारत का सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र पंजाब है। प्रेम सम्बन्धों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज दोस्ती और प्रेम में फर्क़ करने की बड़ी जरूरत है, छात्र आकर्षण में फंस कर रिश्ते बनाने की सोचते हैं जब असफल होतें है जो डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं, फिर नशे में उतरते हैं, इससे बचना होगा। जीवन मे क्षमा, विनम्रता और शीतलता होनी चाहिए परन्तु कायरता का स्थान जीवन मे कभी नही होना चाहिए। युवाओं ने अनेक प्रश्नों के साथ अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया और फिर राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम पूर्ण हुआ।

कार्यक्रम का आरम्भ दोआबा कॉलेज के प्रधानाचार्य नरेश कुमार धीमान एवं डीन ई.सी.ए. अविनाश बावा, ध्रुव मित्तल और हरीश गुप्ता द्वारा श्रीगुरु पवन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। ततपश्चात याम एंथम पर हुए नृत्य ने सभी छात्रों में जोश का संचार भर दिया। कार्यक्रम में अनुराधा वधावन, जे. सी. अरोड़ा, नीरज त्रेहन, राजिंदर शर्मा, नवीन सरना, मदन, रजनी, राजिंदर रिक्खी जी सहित दिल्ली, गाजियाबाद, अमृतसर, जबलपुर, लुधियाना आदि शहरों से आये लोग भी उपस्थित रहे।

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