भक्ति की शक्ति का फल है कि निर्गुण निराकार ब्रह्म सगुण साकार होकर इस धरा पर आए: साध्वी समीक्षा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल की तरफ से श्रीराम नवमी के उपलक्ष्य में करवाई जा रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन प्रयागराज से पधारी साध्वी अमृतानंदमयी मानस समीक्षा ने कथा को आगे बढ़ाते हुए भक्ति में शक्ति की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार निरगुण निराकार ब्रह्म शगुण साकार होकर इस धरा/धाम पर कैसे आए, यह प्रश्न माता पार्वती जी ने भगवान शंकर से पूछा।

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इस पर बाबा भोले नाथ ने कहा कि भवानी इसके मूल में एक भक्त और भक्तमयी की अर्थात महाराज मनु और महारानी सतरूपा की भक्ति की शक्ति का फल है। महाराज मनु ने और सतरुपा जी ने जो हजारों वर्ष तक तप किया। ब्रह्म ने वरदान मांगने के लिए कहा तो दोनों ने वरदान स्वरूप उस निर्गुण ब्रह्म को पुत्र के रूप मे मांग लिया और ब्रह्म को यह मांग स्वीकार करनी पड़ी। भगवान को कहना पड़ा, न मै साकार हूं-न निराकार हूं, भक्त की भावना पर तदाकार हूं। भगवान शंकर कहते हैं यही कारण था पार्वती कि वो निर्गुण ब्रह्म सगुण साकार होकर इस धरा पर आए।

इस दौरान साध्वी समीक्षा द्वारा गाए सुंदर भजन मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना… गाकर मंंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर गौशाला के प्रधान विनोद कपूर, महामंत्री विजय अग्रवाल, प्रधान हरीश सैनी, जगदीश पटियाल, राकेश भल्ला, रमन खन्ना, सुरिंदर लक्की, गुलशन धीर, राज कुमार सैनी, महेश मोनू, कृष्ण गोपाल आनंद, लक्ष्मी नारायण, कुलदीप मेंहदीरत्ता, रवि कटारिया, मुकेश, इंजी. वरुण, सौरव वर्मा, डा. सैलेश, आदि मौजूद थे। इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कमेटी गढ़दीवाला से आए हुए पदाधिकारियों को महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद स्वामी महाराज ने सम्मानित किया।

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