ब्रेक डाउन व शटडाउन के बीच लापरवाही से प्रवाहित हुआ 11 हजार वोल्ट

बछवाड़ा/ बेगूसराय (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: राकेश कुमार। युं तो बिजली विभाग की लापरवाही के कारण अबतक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। मगर इस बार लापरवाही के कारण काल के गाल में समाने से बिजली विभाग का मानवबल ही बाल-बाल बचा। विधुत विभाग कि लापरवाही से हमेशा जान माल का खतरा बना रहता है. हल्की सी वारिस में भी बछवाड़ा बिजली सब स्टेशन के अन्तर्गत सभी छ: फीडर की बिजली पुर्ण रुप से ठप हो जाति है, इसी क्रम में बुधवार की शाम हल्की आंधी तुफान के साथ वारिस होने के कारण बछवाड़ा बिजली सब स्टेशन के सभी फीडर में बिजली पूर्ण रुप से ठप हो गया, बिजली ठप होने पर पावर हाउस स्थित विधुत ऑपरेटर के द्वारा सभी फीडर को ब्रेक डाउन घोषित करने के साथ ही इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गई।

Advertisements

पुन: वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर मानव के द्वारा विभिन्न फीडरों को शटडाउन लेकर ठीक करने कि कोशिश करने लगे, वही रात्रि के 9 बजे लगभग विधुत सब स्टेशन के फीडर संख्या दो में मानव बल मनोज कुमार के द्वारा शटडाउन लेकर फतेहा गांव के समीप ग्यारह हजार वोल्ट की तार ठिक करने पोल पर चढ़ा था। इसी दौरान पावर हाऊस में कार्यरत विधुत ऑपरेटर धमेंद्र कुमार के द्वारा बिजली चालू कर दिया गया। 11 हजार पोल पर चढ़ा मानव बल अचानक पोल के समीप दुकान में बल्ब जलते देख ततक्षण पोल से नीचे उतर गया. करीब दस मिनट तक मानब बल वदहवास हो गया वही सहयोगी मानवबल के द्वारा मानव बल को बापस पावर हाउस लेकर आया, वही क्षेत्र में कार्यरत सभी मानब बल एक राय बनाकर विधुत ऑपरेटर के खिलाफ मोर्चा खोला और फीडर में काम नही करने का निर्णय लेकर पावर हाउस में बैठ गया।

रात्रि 11 बजे विधुत एस.डी.ओ. उमंग अग्रवाल, जेई अखिलेश कुमार शर्मा ने बछवाड़ा पावर हाउस आकर काफी समझाने के बाद मानव बल को मनाकर किसी तरह काम करने के लिए राजी कराया, करीब छ: घंटे के बाद मानव बल द्वारा पुन: फीडर संख्या दो चालू कराया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के लापरवाही के कारण हल्की हवा व वारिस होने के साथ ही बिजली गुम हो जाता है। वही पुन: बिजली चालू करने के दौरान कनिय अभियंता, सहायक विधुत अभियंता कार्य स्थल पर उपस्थित नही रहते है। बल्कि कार्य क्षेत्र से बाहर रहकर मोबाईल के माध्यम से मानव बल को निर्देश देते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here