नशा मुक्ति व पुर्नवास केंद्र के प्रयासों से 32 वर्षीय नौजवान ने त्यागा नशा

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। नशे की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से जहां जिले में नशा मुक्ति केंद्र, पुर्नवास केंद्र व ओ.ओ.ए.टी सैंटर चलाए जा रहे हैं वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी युवाओं को नशे के खिलाफ जागरुक करने के लिए लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

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नशा विरोधी सप्ताह के अंतर्गत नशे के खिलाफ घर-घर पहुंचाई जाएगी जागरुकता: जिलाधीश

यह विचार रखते हुए जिलाधीश ईशा कालिया ने बताया कि जिले में नशा विरोधी सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सब-डिविजन स्तर पर विशेष गतिविधियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के दौरान नशे के खिलाफ जागरु कता घर-घर पहुंचाई जाएगी, ताकि समाज को नशा मुक्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिले के ओ.ओ.ए.टी.सैंटरों में नशे की आदत का शिकार हो चुके व्यक्तियों को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करने के साथ- साथ डाक्टरों की ओर से अपनी उपस्थिति में नि:शुल्क दवा दी जा रही है।

अब तक इन ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों व नशा मुक्ति पुर्नवास केंद्रों से अनेक व्यक्ति इलाज करवा कर अपना अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जिलाधीश ने बताया कि समाज में से नशे की बीमारी को जड़ से खत्म करना समय की मुख्य जरुरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश में नशे की बीमारी को खत्म करने के लिए वचनबद्ध है ताकि नौजवानी को नशे की बुरी बीमारी से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सिविल व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की ओर से नशें के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया गया है, जिसमें हर वर्ग के लोगों के सहयोग की जरु रत है क्योंकि लोगों के सहयोग के साथ ही नशा विरोधी अभियान में कामयाबी मिल सकती है। उधर होशियारपुर का 32 वर्षीय नौजवान सुरिंदर सिंह (काल्पनिक नाम) ड्राइवरी का काम करता था आज नशा मुक्ति व पुर्नवास केंद्र के प्रयास से नशा मुक्त हो चुका है।

उसने 27 वर्ष की आयु में नशा करना शुरु कर दिया था। शुरुआत में वह तंबाकू का नशा करता था लेकिन धीरे-धीरे उसने हैरोइन लेनी शुरु कर दी। नशे की लत ऐसी पड़ी की उसका काम पर ध्यान लगना बंद हो गया था और एक महीने में वह 20 हजार रु पये तक का नशा करने लग पड़ा। सुरिंदर की सारी कमाई नशे में खराब हो रही थी। जब उसके नशे की बात उसके पिता को पता लगी तो उन्होंने उसे सिविल अस्पताल होशियारपुर दाखिल करवा दिया और वहां से वह नशा मुक्ति व पुर्नवास केंद्र आ गया। यहां करीब एक माह रहने के बाद युवक ने नशा करना बंद कर दिया और दोबारा अपना काम शुरु कर दिया। अब वह बिल्कुल ठीक है और अपने काम पर जाता है। सुरिंदर ने कहा कि नशा मुक्ति व पुर्नवास केंद्र के कारण ही वह नशे की लत से दूर हो पाया है। उन्होंने नौजवानों को अपील करते हुए कहा कि वे नशे के रास्ते से दूर रहे क्योंकि इस रास्ते में बर्बादी के सिवाए और कुछ नहीं है। सुरिंदर के परिजन उसकी नशे की आदत के छुटकारे से बहुत खुश है। उन्होंने कहा कि सरकार के नशा विरोधी प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इससे नशे की गिरफ्त में आए नौजवानों को नई दिशा मिली है।

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