ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके जीवन में हासिल की जा सकती है आत्मिक शांति: साध्वी गौरी भारती

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री गौरी भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि आज विश्व में शांति की बहुत जरूरत है और विश्व शांति आत्मिक शांति का मुख्य नियम है ब्रह्मज्ञान। उन्होंने बताया कि मानव समाज के लिए ब्रह्मांड में शांति हो, युगों पहले यही प्रार्थना वैदिक ऋषियों के विशाल ह्रदयों में संसार के लिए पैदा हुई थी। समय बीता, युग बदले पर शांति की यह कामना एक परिवर्तनशील पुकार बनकर मानव मन में से सदैव निकलती रही।

Advertisements

वर्तमान समय में हिंसा और आतंक के बादल गहरे होते हुए दिखाई दे रहे हैं। आज के मानव के हिंसक प्रवृतियां विश्व में विनाशकारी तांडव को उत्तेजित कर रही है। समाचार पत्र में रक्त से भीगी सुॢखयां, युद्ध के नगाड़ो की आवाज में सहमी मानवता की एक ही पुकार है कि हमें शांति चाहिए। अशांति का मूल कारण अनेकता, भिन्नता हैं। तो हमें समाज के अंदर एकता के सूत्र में बांधना होगा। गुरबाणी का कथन है कि एक पिता एक के हम बारिस जिसका अर्थ हम एक परमपिता परमात्मा की संतान है। वेदों का उद्घोष है ‘श्रन्वन्तु सर्वे अमृतस्य पुत्रा’ संसार के निवासियों तुम सब अमृत की औलाद हो।

यह सब एक पूर्ण गुरू की कृपा के अन्तर्गत ही हो सकता है। गांव कि विश्व शांति की स्थापना का आधार है ब्रह्मज्ञान जो पूर्ण संत ही प्रदान कर सकता है। वेदों शास्त्रों के आधार पर परमात्मा को मानव के अंदर दिखा कर आत्मिक शांति प्राप्त करके ही विश्व शांति की रचना कर विश्व शांति को पूर्ण किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here