होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। प्यार, नम्रता, सहनशीलता व विशालता जैसे गुणों की केवल चर्चा करने से जीवन में कोई सुधार होने वाला नहीं है। बल्कि जब इंसान इन गुणों को अपने जीवन अपना लेता तो उसका जीवन आनंदमय व स्वर्गमयी बने जाता। उक्त विचार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने दिल्ली में आयोजित निरंकारी संत समागम के दौरान कहे।
सत्गुरू माता जी ने आगे कहा कि संसार में विचरण करते समय हमें केवल प्यार नम्रता सहनशीलता विशालता जैसे गुणों के ग्राहक बनना चाहिए। ये गुण इंसान में तभी आएगें जब वह इस निरंकार प्रभु परमात्मा की जानकारी प्राप्त कर लेगा फिर उस इंसान का जीवन दूसरे को ठंडक देने वाला बन जाएगा और उसके जीवन से महात्मा संतों वाले गुणों की खुशबू आने लग जाती है। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।