देवी दुर्गा का छठा रूप, मां कात्यायनी करती हैं विवाह की हर बाधा को दूर: पं. श्याम

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अत: इनको कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं में अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। विवाह सम्बन्धी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है। योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है।

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कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा अद्भुत मानी जाती है। मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है। वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है। अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण हों तो भी विवाह हो जाता है। गोधूलि बेला (शाम का समय) के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए।

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