कृषि विज्ञान केंद्र ने गांव चगरां में कृषि दिवसपर किसानों को किया जागरु क

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। किसान धान की पराली को न जलाकर उपलब्ध मशीनरी व तकनीक के माध्यम से इसका योज्य प्रबंधन कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएं। यह विचार कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर के डिप्टी डायरेक्टर डा. मनविंदर सिंह बौंस ने आज गांव चगरां में किसानों को संबोधित करते हुए रखे। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से गांव चगरां में उड़द की फसल प्रदर्शनी की कारगुजारी दर्शाने के लिए उड़द की काश्त संबंधी कृषि दिवस का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों को धान की पराली को न जला कर इसका प्रबंधन करना चाहिए, जिसके बारे में उन्होंने अलग-अलग तकनीकों के बारे में भी बताया।

Advertisements

डा. मनविंदर सिंह बौंस ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानी के लिए दी जा रही सेवाओं के बारे में प्रकाश डाला व उड़द की फसल प्रदर्शनियों के उद्देश्य के बारे में बताया। इस दौैरान उन्होंने रबी की फसलों गेहूं, सरसो, छोले व मसूर की काश्त के बारे में जरु री बातें बताई। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. पवित्तर सिंह ने उड़द की सफल काश्त के तरीके,किस्म का चुनाव, बीज, खादों का प्रयोग, नदीनों, कीड़ों व बीमारियों की रोकथाम के बारे में जानकारी दी व मिट्टी परीक्षण व जीवाणु खादों के प्रयोग के बारे में प्रेरणा दी। इस दौरान जहां सब्जी वैज्ञानिक डा. सुखविंदर सिंह औलख ने घरेलू बगीची व मशरु म उत्पादन के तकनीक साझा की वहीं पशु वैज्ञानिक डा. अरु णबीर सिंह ने पशुओं की मौसमी संभाल, बीमारियों व खुराक के बारे में विस्तार से बताया।

महिला किसानों की जानकारी में वृद्धि के लिए फलों व सब्जियों की संभाल के लिए आचार बनाने की विधि भी बताई गई। इस मौके पर किसानों की सुविधा के लिए बरसीम, गोभी सरसो, तोरिया के बीज, सब्जियों की किटों, दालों व तेलबीज किटों, पशुओं के लिए धातों का चारा, फसलों के लिए जीवाणु खाद के टीके व खेती साहित्य भी मुहैया करवाया गया। अंत में गांव के प्रगतिशील किसान श्री सुरजीत सिंह ने आए माहिरों व किसानों का धन्यवाद किया व आगे से भी केंद्र की प्रचार गतिविधियों में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here