BJP: अपनों पर ‘गुप्तचरों’ की पैनी नजर ‘हारे’ तो जिम्मेदार होंगे बाहर

-बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर अंदरखाते भाजपा उम्मीदवारों का विरोध करने वाले कई ‘अपनों’ को पड़ चुकी है अधिकारियों की झाड़-

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Editor’s Opinion: Sandeep Dogra
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारतीय जनता पार्टी पंजाब में चुनाव दौरान किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती तथा इसीलिए पार्टी द्वारा हर कार्यकर्ता की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए विशेष ‘गुप्तचरों’ को हल्के में तैनात किया गया है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह गुप्तचर चुनाव प्रचार किसके द्वारा किस स्तर पर और किस प्रकार किया जा रहा है संबंधी एक-एक गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं तथा पार्टी उम्मीदवारों का अंदरखाते विरोध करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं तथा खास नेताओं के समर्थकों की कार्यप्रणाली पर उनकी पैनी नजर है। पार्टी सूत्रों की मानें तो हाल ही में टिकट आबंटन के बाद एक प्रदेश स्तरीय भाजपा नेता द्वारा नाराजगी प्रकट किए जाने पर पार्टी हाईकमान ने उसे दो टूक शब्दों में कह दिया था कि अगर उसे आपत्ति है तो वह अपने सभी पद छोड़ दे। इसके बाद वह नेता ठंडा पड़ गया। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो यह गुप्तचर भाजपा की मां संस्था द्वारा तैनात किए गए हैं तथा इनके द्वारा दी जा रही रिपोर्टों पर पार्टी हाईकमान द्वारा एक्शन लिए जा रहे हैं तथा यह भी पता चला है कि हाईकमांड ने एकदम साफ शब्दों में सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं से कह दिया है कि पार्टी की हार के लिए जिम्मेदार ‘अपनों’ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने से भी परहेज नहीं किया जाएगा, फिर भले ही वह कितने भी बड़े कद का नेता ही क्यों न हो।
राजनीतिक माहिरों की मानें तो होशियारपुर में भाजपा की स्थिति फिलहाल मजबूत मानी जा सकती है, परन्तु भाजपा के अंदरखाते कई कार्यकर्ता आज भी लोगों को ‘हाथ’ हिला-हिला कर और ‘सफाई के लिए क्या चलता है’ कहते हुए भाजपा के पक्ष में वोट करने का इशारा करने से बाज नहीं आ रहे।इन इशारों से ही उनके मनसूबों का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह भाजपा के होते हुए किसके लिए वोट का इशारा कर रहे हैं। यह भी पता चला है कि भाजपा के कई ‘अपने’ अन्य राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित बनाने के प्रयास अपनों को जिताने से अधिक करने में मशगूल हैं और गुप्त बैठकें उनका हथियार बनी हुई हैं। 

जिसके चलते कहीं न कहीं भाजपा के लिए यह भीतरीघात ‘जानलेवा’ (बुरा न माने, यह शब्द लिखे बिना रहा न गया) साबित होगा की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। जिसे समय रहते रोकना बहुत जरुरी हो चुका है। यह भी चर्चा है कि होशियारपुर में गुटों में विभाजित भाजपा के लिए यह चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं हैं, क्योंकि भाजपा का हर गुट अपने आप में एक आधार रखता है और ऊपर से इसे अकाली दल का साथ है तो ऐसे में अगर भाजपा यहां से कमजोर होती है तो इसे अपनों की ही नाकामी कहा जााएगा तथा दूसरों का इसमें दोष कम होगा, क्योंकि घर की लड़ाई का लाभ हमेशा ही दूसरों ने उठाया है, इस कहावत से हम सभी भलीभांति परिचित हैं। अब देखना यह होगा कि पार्टी हाईकमांड के आदेश और उनकी सख्ती का भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर क्या असर होता है यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे, परन्तु राजनीतिक माहिरों के अनुसार अगर भाजपा में यही सब चलता रहा तो. . . . ?

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