संतान की लम्बी उम्र की कामना हेतु माताएं रखती है अहोई अष्टमी का व्रत: पंडित श्याम ज्योतिषी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। अहोई अष्टमी का पर्व दीपावली के आरम्भ होने की सूचना देता है। यह पर्व विशेष तौर पर माताओं द्वारा अपनी सन्तान की लम्बी आयु व स्वास्थ्य कामना के लिए किया जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। इस संबंधी जानकारी देते हुए पंडित श्याम ज्योतिषी ने बताया कि इस वर्ष अहोई अष्टमी व्रत 21 अक्टूबर दिन सोमवार को बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जायेगा।

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पुत्रवती महिलाओं के लिए यह व्रत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जिनकी सन्तान को शारीरिक कष्ट हो, स्वास्थ्य ठीक न रहता हो, बार-बार बीमार पड़ते हों या किसी भी कारण माता-पिता को अपने सन्तान की ओर से स्वास्थ्य व आयु की दृष्टि से चिंता बनी रहती हो, इस पर्व पर सन्तान की माता द्वारा समुचित व्रत व पूजा आदि का विशेष लाभ प्राप्त होता है तथा सन्तान स्वस्थ होकर दीर्घायु को प्राप्त करती हैं।

जिन दम्पत्तियों के पुत्र नहीं बल्कि पुत्री सन्तान है, वे भी अहोई माता की पूजा कर सकती हैं। सन्तान की कामना वाली महिलाएं भी यह व्रत रखकर अहोई माता से सन्तान प्राप्ति की प्रार्थना कर सकती हैं। लेकिन यह भी नियम है कि एक साल व्रत लेने के बाद आजीवन यह व्रत टूटना नहीं चाहिए। पहले धारणा थी कि सिर्फ सपूतों के लिए ही व्रत रखा जाता है। ऐसा नहीं है, आज के बदलते दौर में जब पुत्री भी माता पिता के लिए बराबर की मान्यता साकार करती हैं तो पुत्रियों के सुख सौभाग्य के लिए भी अहोई माता कृपालु होती हैं।

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