सरकारी अध्यापकों के प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया में काम करने पर पाबंदी, डायरैक्टर शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी शिक्षण संस्थानों में सेवाएं देने के साथ-साथ बिना आज्ञा पत्रकारिता करने वाले कर्मचारी सावधान हो जाएं! क्योंकि, पंजाब सरकार ने बिना आज्ञा पत्रकारिता करने वाले सरकारी कर्मियों पर शिकंजा करते हुए आदेश जारी किया है कि अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा। डायरैक्टर शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार अब कोई भी सरकारी अध्यापक प्रिंट मीडिया व इलैक्ट्रानिक मीडिया में काम नहीं कर सकता। कई केसों में संबंधित संस्था के मुखियों द्वारा अपने स्तर पर इस संदर्भ में आज्ञा दी गई है, परंतु ऐसा करना नियमों की उल्लंघना है।

Advertisements

आदेशानुसार 1966 के नियम 8 के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी निर्धारित अथार्टी की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी भी समाचार पत्र या इलैक्ट्रानिक मीडिया में संपादन, प्रबंधन में पूरी तरह से या अंशिक तौर पर व संचालक के तौर पर हिस्सा नहीं ले सकता। इसी प्रकार कोई भी सरकारी कर्मचारी निर्धारित अथार्टी की स्वीकृति के बिना अपनी ड्यूटी निभाने के अलावा रेडियो प्रसारण में हिस्सा नहीं ले सकता या लेख आदि का योगदान भी नहीं दे सकता। डायरैक्टर शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी कर्मचारी अपने नाम से, गुमनाम या किसी अन्य के नाम पर भी रेडियो प्रसारण, रोजाना समाचार पत्र या समय-समय पर प्रकाशित किए जाने वाले पेपरों में किसी किस्म का कोई आर्टिकल आदि भी प्रकाशित नहीं कर सकता, जिसके लिए शिक्षा विभाग पंजाब की तरफ से कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। आदेशों में यह भी कहा गया है कि इस तरह की स्वीकृति की तब जरूरत नहीं पड़ेगी, जब ऐसा योगदान, प्रसारन या लिखित, निरोल, साहित्यक, कलात्मक या विज्ञानिक चरित्र से संबंधित हो।

आमतौर पर देखा गया है कि कुछ कर्मचारी प्रसिद्ध अखबारों के लिए बतौर नियमित पत्रकार के रूप में काम करते हुए उक्त नियमों की उल्लंघना कर रहे हैं। इसी प्रकार कुछ कर्मचारी किताबें लिखने या अन्य कई प्रकार के पर्चे लिखने के उपरांत पब्लिश करवा रहे हैं तथा इतना ही नहीं इस संदर्भ में नियमों की उल्लंघना करने वाले कुछ कर्मचारी सामर्थ अधिकारी की स्वीकृति के बिना संबंधित संस्था या पब्लिशर की तरफ से मेहनताना भी प्राप्त कर रहे हैं। किसी कर्मचारी का प्रसिद्ध समाचारपत्र के लिए बतौर पत्रकार के रूप में काम करने के परिणामस्वरूप उसके साथी कर्मचारियों तथा उच्च अधिकारियों को किसी निजी मनोरथ के लिए उसके द्वारा ब्लैकमेल करने की संभावना अकसर बनी रहती है। इसीलिए शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा फैसला लिया गया है कि उपरोक्त नियमों की सख्ती से पालना की जाए तथा कोई भी सरकारी कर्मचारी समय-समय के प्रकाशन, इलैक्ट्रानिक मीडिया के संपादन या प्रबंधन में पूरी तरह से या अंशिक तौर पर व संचालन में हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने कड़े निर्देश दिए हैं कि अगर, किसी कर्मचारी को ऐसा करने के लिए किसी कार्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा स्वीकृति दी गई हो तो वह ऐसी स्वीकृति को तुरंत रद्द किया जाए। अगर कोई कर्मचारी उपरोक्त नियमों की उल्लंघना करता हुआ पाया गया तो उसका प्रमाण डायरैक्टर को भेजा जाएं ताकि ऐसा करने वाले कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here