हर युद्ध में भारतीय सेना ने दिया अपने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय: कमिशनर बलबीर राज

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद की तरफ से प्रधान राजिंदर मोदगिल की अगुवाई में वार मैमोरियल पर शहीदों को नमन करके विजय दिवस मनाया गया। इस मौके पर नगर निगम होशियारपुर के कमिशनर बलबीर राज सिंह एवं परिषद के प्रांतीय कनवीनर (पश्चिम पंजाब) प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने विशेष तौर से पहुंचकर शहीदों को श्रद्धा के पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर कमिशनर बलबीर राज ने कहा कि 1971 में बंगलादेश युद्ध की जीत की खुशी में विजय दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा ऐसे एतिहासिक दिनों को याद रखना एवं शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करना सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि एक सैनिक जब भी अपने घर से देश सेवा के लिए विदा होता है तो उसका एक ही लक्ष्य होता है और वह है देश एवं देश वासियों की हर हाल व अंतिम सांस तक रक्षा करना। उन्होंने कहा कि हमें भी देश के भीतर रहकर सीमा पर तैनात सैनिकों की तरह ही देश की सेवा में अनपा सबकुछ अर्पण करना चाहिए। कमिशनर बलबीर राज ने शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम भारतीय सेना का ऋण कभी नहीं चुका सकते तथा उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि हम निजी स्वार्थों को त्यागकर खुद को देश सेवा एवं देश की र की खातिर एक सैनिक की तरह ही तत्पर रहें।

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भाविप ने वार मैमोरियल पर विजय दिवस के उपलक्ष्य में शहीदों को भेंट की श्रद्धांजलि

इस मौके पर संजीव अरोड़ा ने कहा कि दुनियां में जहां भी शांति की स्थापना हेतु भारतीय सेना ने अपना योगदान डाला है वहां से विजयी होकर ही लौटी है तथा देश की रक्षा हेतु भी जो युद्ध हमारी भारतीय सेना ने लड़े उनमें भी अपने शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मन को नाकों चने चबाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों के प्रति हम जितनी भी श्रद्धा एवं सम्मान प्रकट करें कम है। क्योंकि देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात हरेक सैनिक की चौकसी के चलते ही हम आजादी का आनंद मान रहे हैं तथा हमेें अपने सैनिकों पर गर्व है। इस अवसर पर राजिंदर मोदगिल एवं कर्नल ललित विग ने कहा कि एक सैनिक के लिए इससे बढक़र कोई और बात नहीं हो सकती कि वह जिन देशवासियों के लिए अपनी जान की बाजी तक लगाने के लिए हर समय तैयार रहता है वह देशवासी उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस का जो परिचय दिया था उसे याद करके आज भी सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। इस अवसर पर राजिंदर मोदगिल, कर्नल ललित विग, वरिंदर चोपड़ा, नवीन कोहली, मास्टर गुरप्रीत सिंह, जोगिंदर कुमार शर्मा, दविंदर अरोड़ा, रविंदर भाटिया, विपन शर्मा, संजीव खुराना, पवन अरोड़ा, अमरजीत शर्मा, दीपक मेहंदीरत्ता, राजीव मनचंदा, रिक्की सेतिया व अन्य मौजूद थे।

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