अवैध माइनिंग: धरती का चीरहरण जारी, नींद में अधिकारी, मस्ती में नेता

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछले एक साल से अवैध माइनिंग को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा भले ही बड़े-बड़े दावे किए जाते हों, लेकिन इस पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन के प्रयास दावों तक ही सीमित नजर आ रहे हैं। जिसके चलते आज भी होशियारपुर व आसपास के इलाकों में अवैध माइनिंग का धंधा खूब फल-फूल रहा है। गत वर्ष होशियारपुर के बस्सी गुलाम हुसैन, जहानखेलां, खडक़ां, सलेरन आदि क्षेत्रों में अवैध माइनिंग से जुड़े समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद प्रशासन द्वारा इस पर सख्ती से डंडा चलाकर इसे बंद करवा दिया गया था। लेकिन प्रशासन की कार्यवाही और विभाग की कथित मिलीभगत के चलते अवैध माइनिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है।

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ताजा मामले में गांव बस्सी गुलाम हुसैन के चो में सरेआम माइनिंग करते लोगों को देखा जा सकता है। दिन-दिहाड़े हो रही माइनिंग को रोकना तो दूर उन्हें पूछने वाला भी कोई नहीं कि आखिर वे किसकी मंसूरी से रेत उठा रहे हैं। अवैध माइनिंग करते लोगों की वीडियो वायरल होने के बाद माइनिंग माफिया और विभाग अधिकारियों तथा पुलिस की कथित मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। जिस कारण अवैध माइनिंग करके धरती सीना छननी करने का खेल निर्विघ्न जारी है। इस संबंधी माइनिंग अधिकारी अलोक से बात करने की प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन स्विचऑफ होने के कारण बात नहीं हो सकी।

गौरतलब है कि कथित मिलीभगत के चलते सरकार द्वारा माइनिंग पर पाबंदी के बावजूद भी कई लोग अवैध माइनिंग से खूब मालामाल हो रहे हैं तथा जो लोग पर्ची पर तथा हिमाचल की पर्ची पर माइनिंग कर रहे हैं उनके समक्ष कई तरह की समस्याएं पेश आ रही हैं। जानकारी अनुसार कुछ दिन पहले ही हिमाचल में क्रैशर चलाने वालों तथा माइनिंग वालों ने जिला पुलिस प्रमुख से भेंटकर यहां सप्लाई देने आने वाली गाडिय़ों को बिना वजह तंग परेशान किए जाने संबंधी अवगत करवाते हुए इस परेशानी से छुटकारा दिलाने की मांग की थी। सूत्रों की माने तो अवैध माइनिंग से लोगों के तार माइनिंग विभाग और पुलिस विभाग में इस प्रकार जुड़े हैं कि रात के समय तो दूर दिन में भी उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाई जाती। जबकि जो लोग वैध रुप से पर्ची पर काम कर रहे हैं उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर तंग परेशान किया जाता रहता है।

हाल ही में अवैध माइनिंग से जुड़ा एक मामला जोकि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाता है सामने आया था। पुलिस की स्पैशल ब्रांच ने अलग-अलग स्थानों से दो ट्रालियों को पकड़ा। एक को थाना सदर के हवाले किया और दूसरी तो थाना सिटी के हवाले करके टीम वहां से चली गई। थाना सदर को सौंपी गई ट्रैक्टर-ट्राली को इसलिए छोड़ दिया गया क्योंकि उसके मालिक ने ट्राली संबंधी पर्ची पुलिस को दिखा दी व पुलिस ने उसका ओवरलोडिंग का चालान काटकर उसे छोड़ दिया। दूसरी तरफ थाना सिटी पुलिस ने मालिक द्वारा पर्ची दिखाए जाने के बावजूद उसका अवैध माइनिंग का मामला दर्ज कर लिया गया। ऐसे में कहा जा सकता है कि एक जैसे मामलों में पुलिस द्वारा दोहरे मापदंड अपनाये जाने से पर्ची पर कार्य करने वालों के मन में कहीं न कहीं मायूसी जरुर छा जाती है कि जो एक नंबर में काम करें वो परेशान हों और दूसरी तरफ अवैध माइनिंग का काम करने वाले बुल्ले लूटें।

यह भी जानकारी मिली है कि कुछ समय पहले एक नेता के समक्ष अवैध माइनिंग का मुद्दा उठाने वाले शख्स द्वारा भी अवैध माइनिंग धडल्ले से की जा रही है तथा वह और उसके साथी दिन-रात माइनिंग करके नेताओं और अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि ऐसे लोगों के प्रति नेता और प्रशासनिक अधिकारी कैसा रुख अख्तियार करते हैं।

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