कस्बा हरियाना: कृपापात्र उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, एक जगह टैम्पो खड़ा कर सब्जी और खूब बिक रही अवैध शराब

कोरोना के कहर ने दुनिया में तबाही मचाई हुई और इस तबाही से बचाने के लिए सरकार द्वारा कड़े से कड़े कदम उठाते हुए सख्त आदेश जारी किए जा रहे हैं। जिन्हें लागू करने के लिए सरकारी तंत्र पूरी तरह से मैदान में जूझ रहा है। दुख की बात है कि कुछ विशेष कृपा पात्र लोग कानून की आड़ में नियमों की धज्जियां उड़ाकर सरकार की मेहनत पर पानी फेरने पर लगे हुए हैं। जिसके चलते आम लोगों में सरकार एवं सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली के प्रति आशंका जाहिर होना स्वभाविक है। सरकार द्वारा जनता की परेशानियों को देखते हुए करियाना, मैडीसन एवं सब्जी व फल आदि की दुकानों को घर-घर सप्लाई करने की आज्ञा दी गई है ताकि लोगों को रोमर्रा की चीजों के लिए परेशानी न उठानी पड़े। लेकिन कस्बा हरियाना में सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करना आम लोग अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं, वहीं शहर के कुछ विशेष कृपापात्र लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरेआम सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते दिख रहे हैं। हरियाना की बात करें तो शहर के अलग-अलग हिस्सों में जहां एक पुलिस अधिकारी की कृपा से अवैध शराब का धंधा खूब फलफूल रहा है वहीं शहर के एक जिम्मेदार नागरिक द्वारा शहर के चौक पर सरेआम सब्जी का टैम्पो लगाकर पूरा दिन सब्जी का व्यापार किया जा रहा है।

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जबकि सरकार द्वारा सब्जी वालों को घर-घर जाकर सब्जी की सप्लाई करने के पास जाती किए गए हैं ताकि एक जगह पर खड़ी रेहड़ी व टैम्पो आदि पर सब्जी लेने वालों की भीड़ इकट्ठी न हो सके। लेकिन शहर के प्रमुख चौक पर सरेआम खड़े होने वाले इस टैम्पो को देखकर भी अधिकारी वर्ग अनदेखा कर लेता है तथा वहां पर सब्जी खरीदने वाले लोगों की भीड़ अकसर ही लगी रहती है। जोकि सोशल डिस्टेंसिंग नियम को ठेंगा दिखाने के लिए काफी है। प्रशासन द्वारा सब्जी बेचने के लिए एक पास जारी किया जाता है और हिदायत है कि रेहड़ी व टैम्पो पर एक या दो लोग ही हों। लेकिन टैम्पो में अकसर 3-4 लोग बैठे देखे जा सकते हैं। पता चला है कि जिस सब्जी वाले द्वारा यहां पर टैम्पो लगाकर सब्जी बेची जा रही है वह शहर में एक वार्ड का पार्षद भी है। एक जिम्मेदार नागरिक द्वारा इस प्रकार नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे कार्य को लेकर शहर में खासी चर्चा बनी हुई है। क्योंकि, अगर कोई गरीब आदमी सड़क़ पर 2-4 मिनट के लिए भी खड़ा हो जाता है तो पुलिस वालों का डंडा उसे नियम समझा देता है। परन्तु पिछले कई दिनों से घर-घर सप्लाई न करके एक ही स्थान पर खड़े इस टैम्पो को लेकर पुलिस एवं प्रशासनित तंत्र पर सवालिया निशान लग गया है कि आखिर कोरोना महामारी के बीच सरकार के आदेशों को धत्ता बताने वाले इस शख्स के पास ऐसी कौन से ताकत व पहुंच है कि पुलिस नाके के पास पूरा दिन लोग घरों से निकल कर यहां पर भीड़ लगाकर सब्जी खरीदते रहते हैं।

दूसरी सरकार द्वारा शराब के ठेकों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं और हरियाना ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में शराब के ठेके बंद हैं और एक्साइज विभाग द्वारा ठेकों पर पूरी निगह रखी जा रही है कि कहीं कोई ठेका खुला तो नहीं। मगर, हरियाना में शराब के ठेके तो बंद हैं, मगर कुछेक लोग पुलिस की नाक तले अवैध शराब का धंधा ऐसे कर रहे हैं, जैसे उन्हें कानून का कोई डर ही न हो। सूत्रों की मानें तो पुलिस वाले साहिब को सारी जानकारी होने के बावजूद श्रीमान जी वहां से गुजरते समय अपनी आंखें ऐसे बंद कर लेते हैं जैसे बिल्ली को देखकर कबूतर। चर्चा तो यह भी है कि आम आदमी को नियमों का पाठ पढ़ाने वाले यह साहिब अपनी कार्यप्रणाली को लेकर काफी दिनों से चर्चा में हैं और बताए जाने के बावजूद भी कार्यवाही करना मुनासिव नहीं समझ रहे। अब देखना यह होगा कि वर्दी वाले साहिब शहर में और चर्चा करवाते हैं या फिर विभाग की साख बचाने के लिए ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हुए सरकार के आदेशों को लागू करवाकर जनता के बीच पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाते हैं। क्या. . सब्जी वाला कौन सा है और शराब कहां बिकती है? भाई मेरे अब सारी बात मेरे मुंह से ही निकलवाओगे क्या। कार्यवाही करके कुछ क्रेडिट तो वर्दी वाले साहिब को भी लेने दो ताकि शहर निवासियों को भी पता चले कि साहिब की डंडे में कितना दम है। वर्ना. . . आप समझ लेना कि भाई नियम तो गरीब और कमजोर लोगों के लिए ही बने हैं। जय राम जी की।

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