होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर भले ही सांसारिक यात्रा पूरी करके चले गए हों, लेकिन उनकी यादें, आदर्श और हाकी के प्रति उनके लगाव व समर्पण की भावना सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। यह विचार महाराणा प्रताप हॉकी अकादमी के चेयरमैन रणजीत सिंह राणा ने उन्हें श्रद्धा के पुष्प अर्पित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि बलबीर सिंह जी अपने पीछे एक लंबा इतिहास छोड़ गए हैं तथा उनका पूरा जीवन एक मिसाल है।
उनके जाने से हॉकी के एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनके द्वारा जागृत की गई इस मशाल को हॉकी खिलाडिय़ों और खेल प्रेमियों को आगे बढ़ाना है। रणजीत सिंह राणा ने बताया कि बलबीर सिंह सीनियर ने न केवल देश को तीन ओलंपिक के स्वर्ण पदक दिलवाए बल्कि 1956 के अपने अंतिम ओलंपिक के बाद 2020 तक के 64 सालों में अपने व्यक्तित्व और शब्दों से हर उस खिलाड़ी का मार्गदर्शन भी किया जो निराशा के गहरे साए में डूबा उनके पास आया। बलबीर सिंह सीनियर एक व्यक्ति नहीं एक संस्था थे। वे केवल हॉकी तक सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने देश में खेल संस्कृति को विकसित करने में सराहनीय भूमिका निभाते हुए सदैव प्रयास किए।
1975 के विश्व कप को जितने वाली भारतीय हॉकी टीम के साथ वे बतौर मैनेजर गए थे। हॉकी को उनकी देन को कभी नहीं भुलाया जा सकता। अगर ऐसा कहा जाए कि हमने हॉकी का दूसरा जादूगर खो दिया तो कुछ गलत नहीं होगा। उन्होंने हॉकी खिलाडिय़ों से आह्वान किया कि वे खेल को जीवन का अभिन्न अंग बनाएं और देश का नाम रोशन करें, यही बलबीर सिंह सीनियर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।