मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी और छोटे उद्योगों के खाते में पैसे डाल उन्हें सुरक्षा का आभास करवाए केन्द्र: डा. नंदा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। राहुल गांधी, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के निर्देशों पर समूह कांग्रेसी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने लाइव होकर देश में गरीबों एवं मजदूरों के अलावा छोटे दुकानदारों, व्यापारियों एवं छोटे उद्योगों के खाते में पैसे डालकर उनकी मदद करने की केन्द्र सरकार से मांग की गई। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान डा. कुलदीप नंदा ने भी लाइव होकर पार्टी हाईकमांड द्वारा जारी निर्देशों पर लाइव होकर गरीबों, मजदूर वर्ग एवं व्यापारी वर्ग की समस्याओं को हल करने की केन्द्र सरकार से मांग की। इस संबंधी जानकारी देते हुए डा. कुलदीप नंदा ने बताया कि राहुल गांधी द्वारा गरीब, मजदूरों एवं छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योगपतियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार को कहा गया है कि उनके खाते में पैसे डाले जाएं ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें व व्यापार को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से मांग की गई है कि इनके खातों में 7500 रुपये प्रतिमाह, 10 हजार रुपये पहले तथा 45 हजार रुपये और जमा करवाए जाएं ताकि ये लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।

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डा. नंदा ने लाइव होकर कहा कि प्रदेश सरकारें बहुत मुश्किल से प्रदेश के खर्च करती हैं तथा उनके पास इतना फंड नहीं होता कि वे ऐसी विकट परिस्थिति में सारा खर्च मैनेज कर सके। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सारा कार्य केन्द्र की मदद से चलता है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए हालातों के चलते गरीब, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी और छोटे उद्योगों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार का फर्ज बनता है कि वो लोगों को पुन: अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करे, न कि कर्ज की व्यवस्था करे। ऐसे तो दुकानदार, व्यापारी, छोटे उद्योग और कर्जदार हो जाएंगे तथा बैंक उनका सब कुछ बैंकों के पास गिरवी हो जाएगा। इस समय हालात यह हैं कि गरीब-मजदूर वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है, क्योंकि उनके पास न तो काम है और न ही इतने पैसे हैं कि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।

दूसरी तरफ छोटे दुकानदारों, व्यापारियों एवं छोटे उद्योगों के पास पैसा न होने के चलते उनके समक्ष अपने कर्मियों को वेतन देने की परेशानी खड़ी है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वो पंजाब से अपने राज्य जाने वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करे और उनके खाते में पैसे डाले ताकि वे परिवार का पालन पोषण कर सकें, जब तक कि वातावरण ठीक न हो जाए। डा. नंदा ने कहा कि हमें इन हालातों से बी निपटना है और कोरोना महामारी से भी बचना है। अगर सरकार इनका नहीं सोचेगी तो इन्हें मजबूरन सभी हिदायतों व सख्ती को तोड़ते हुए सडक़ों पर आने को मजबूर होना पड़ेगा तथा ऐसे में स्थिति और भी भयानक हो सकती है। केन्द्र सरकार को तीन-तीन माह बैंक लोन की किश्त नहीं लेंगे का राग नहीं अलापना चाहिए, जबकि कई बैंक किश्तें भी काट रहे हैं और लोगों के समक्ष और भी कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो गई हैं।

केन्द्र सरकार को समझना चाहिए कि हम सभी हिन्दोस्तान के निवासी हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इनकी मदद के लिए खुद आगे आना चाहिए और इनके खाते में रुपये डालकर इन्हें राहत पहुंचानी चाहिए। कोरी घोषणाओं से किसी का भला होने वाला नहीं है। देश के बिगड़ते हालातों को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री पहल करें। अन्यथा गरीब, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी, छोटे उद्योग एवं रेहड़ी व फड़ी आदि लगाने वाले सडक़ पर आ जाएंगे। इन्हें सजीव करने के लिए केन्द्र को जल्द से जल्द इनके खाते में पैसे डालने की प्रक्रिया को अमल में लाना चाहिए। डा. नंदा ने कहा कि राहुल गांधी, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा लगातार इन लोगों की मांगों को केन्द्र के समक्ष उठाया जा रहा है, जोकि इन लोगों के प्रति हमारी चिंता को व्यक्त करता है। इसलिए केन्द्र सरकार को भी यह बात समझनी होगी कि लोगों का भला कर्ज देने से नहीं बल्कि उन्हें जीविका चलाने के लिए उनके खाते में पैसे डालने से होगा।

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