राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। शनिवार को सरकार की नीतियों से तंग हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रेस क्लब राजौरी में पहुंच प्रेसवार्ता कर सरकार व प्रशासन को उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। प्रेस वार्ता की अध्यक्षता यूथ कांग्रेस के नेता सनम शाह द्वारा की गई। एसआरओ 24 के तहत कालेज व संबंधित अस्पताल में कॉन्ट्रैक्चुअल सेवा दे चुके लोगों ने कहा कि हम लोगों ने इस महामारी के दौरान कानून का पालन कर अपनी मांग को रखा लेकिन हम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है। उग्र प्रदर्शन के दौरान अगर कोई नुकसान हुआ तो इसका जिम्मेदार मौजूदा सरकार व संबंधित विभाग के आला अधिकारी होंगे। अब पढ़े लिखे और संबंधित विभाग में एक्सपीरियंस (अनुभव) रखने बाले लोग सरकार की गलत नीतियों से तंग आ चुके हैं।
बतादें कि स्वास्थ्य विभाग में अस्थायी तौर पर कार्यरत कॉन्ट्रैक्चुअल नर्सिंग स्टाफ को स्थायी स्टाफ आने पर उन्हें सरकारी मेडिकल कालेज अस्पताल से निकाल दिया गया। निकाले गए नर्सिंग स्टाफ ने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। और नौकरी से निकाले जाने पर तंग आकर कईं दिनों तक जीएमसी व जिला अस्पताल के बाहर बुट पालिश, वाहन सफाई, व चाय बेच कर सरकार और प्रशासन को जगाने का बेहद प्रयास किया। लेकिन सरकार व संबंधित विभाग टस से मस नहीं हुए। यूथ कांग्रेस नेता सनम शाह ने कहा कि कांग्रेस बेरोजगार युवाओं का समर्थन करती है।
गूंगी बेहरी सरकार समस्याओं को दूर करने के बजाए बड़ा रही है। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन में निजी व सरकारी सेक्टर में कार्यरत लोगों को नहीं निकालने का आदेश जारी किया था पर प्रधानमंत्री मोदी के आदेश की सरेआम उल्लघंना की गई है। यह अधिकारी प्रधानमंत्री से ज्यादा पावर रखते है क्या। नोकरी से निकाले गए लोगों की मांग को उपराज्यपाल के वित्तीय आयुक्त सलाहकार, डीसी राजौरी व प्रिंसिपल जीएमसी राजौरी के समक्ष रख चुके हैं। समस्या को नजरअंदाज किया गया गया है। कॉन्ट्रैक्चुअल नर्सिंग स्टाफ का मांग है कि उन्हें एआरओ 24 के तहत फिर से नोकरी पर रखा जाए। हम लोगों के साथ इंसाफ किया जाए।
सरकार काला इतिहास न रचे। शनिवार को प्रेस क्लब राजौरी आयोजित पत्रकार वार्ता में नौकरी से निकाले गएलोगों ने कहा कि हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है सरकार की अनदेखी के चले हम लोगों का भविष्य अंधकार में ढल रहा है जिसका जिम्मेदार सरकार है। हम लोगों के पास एक्सपीरियंस भी है। मौजूदा प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी को दूर करने व पढ़े लिखे युवाओं का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए बड़े बड़े वायदे किए थे। लेकिन पढ़े लिखे युवाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इस सरकार ने नौकरी के रास्ते खोले नहीं बल्कि बंद किए हैं जैसे बेरोजगारी को दूर करने का कार्य चलाया जा रहा है। उनका कहना है कि नौकरी की आस में कईं युवा लोग तनाव ग्रस्त हो चुके है।
जिनके पास कच्ची नौकरी थी संबंधित विभाग के आला अधिकारियों कि मिली भगत व सरकार वह भी छीन रही है। हमने सरकार का सहयोग किया मांग मनमाने को लेकर हमने बुट पालिश, वाहन सफाई व चाय बेच कर सरकार और प्रशासन को जगाने का बेहद प्रयास किया। लेकिन सरकार व संबंधित विभाग टस से मस नहीं हुए। मांग को जल्द से पूरा किया जाए अब हम चुप बैठने बाले नहीं है उग्र प्रदर्शन शुरू करने की कड़ी चेतावनी देते हैं। प्रदर्शन के दौरान अगर कोई नुकसान हुआ तो इसका जिम्मेदार जम्मू कश्मीर उपराज्यपाल, आला अधिकारी व प्रशासन होगा।